कर्म से महान
और कंगाल
बनता है
मनुष्य : भगवान भाई
ग्वालियरत्नव्यक्ति कर्मों से महान या कंगाल बनता है। व्यक्ति जैसा कर्म करेगा वैसा ही उसे फल मिलेगा। यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंटआबू से आए राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने बुधवार को केंद्रीय जेल में 'कर्म गति और व्यवहार शुद्धि' विषय पर प्रवचन देते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यह कारागृह नहीं, बल्कि सुधार गृह है। इसमें आपको अपने में सुधार लाने के लिए रखा गया है। कारागृह के इस एकांत स्थान में बैठकर स्वयं में परिवर्तन करने के लिए सोचो कि हम इस स्थान पर क्यों आए हैं, मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, मुझे परमात्मा ने किस उद्देश्य से यहां भेजा है और यहां आकर मैं क्या कर रहा हूं। ऐसी बातों का चिंतन करने से संस्कार व व्यवहार परिवर्तित होगा। यह कारागृह आपके जीवन को सुधार के लिए तपोस्थली है। राजयोग ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र के बीके प्रहलाद भाई ने कहा कि जब हम अपने आपको कमजोर करते हैं तब हम स्वयं को आंतरिक रूप में अकेले महसूस करते हैं। स्वयं का मनोबल मजबूत रखो। इस मौके पर जेल अधीक्षक डीएस अलावा, जेल शिक्षक भानू शर्मा मौजूद थे।
ग्वालियरत्नव्यक्ति कर्मों से महान या कंगाल बनता है। व्यक्ति जैसा कर्म करेगा वैसा ही उसे फल मिलेगा। यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंटआबू से आए राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने बुधवार को केंद्रीय जेल में 'कर्म गति और व्यवहार शुद्धि' विषय पर प्रवचन देते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यह कारागृह नहीं, बल्कि सुधार गृह है। इसमें आपको अपने में सुधार लाने के लिए रखा गया है। कारागृह के इस एकांत स्थान में बैठकर स्वयं में परिवर्तन करने के लिए सोचो कि हम इस स्थान पर क्यों आए हैं, मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, मुझे परमात्मा ने किस उद्देश्य से यहां भेजा है और यहां आकर मैं क्या कर रहा हूं। ऐसी बातों का चिंतन करने से संस्कार व व्यवहार परिवर्तित होगा। यह कारागृह आपके जीवन को सुधार के लिए तपोस्थली है। राजयोग ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र के बीके प्रहलाद भाई ने कहा कि जब हम अपने आपको कमजोर करते हैं तब हम स्वयं को आंतरिक रूप में अकेले महसूस करते हैं। स्वयं का मनोबल मजबूत रखो। इस मौके पर जेल अधीक्षक डीएस अलावा, जेल शिक्षक भानू शर्मा मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment