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Tuesday, December 3, 2013

नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने का रिकॉर्ड


नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने का रिकॉर्ड


नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने का रिकॉर्ड
• अमर उजाला ब्यूरो
कुरुक्षेत्र। दो हजार आर्टिकल, यू-ट्यूब पर 200 लेक्चर, चार ब्लॉग और शीर्षक केवल नैतिक शिक्षा। नैतिक शिक्षा के प्रति समाज को जागरूक करने में ब्रह्मा कुमार भगवान भाई पिछले पंद्रह वर्षों से प्रयासरत है। इतना ही नहीं उन्होंने देशभर में पांच हजार स्कूल और 800 से अधिक जेलों में जाकर नैतिक शिक्षा का ज्ञान देने पर एक रिकॉर्ड बनाया गया है।
इसके लिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से एक प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। यह रिकॉर्ड भगवान भाई द्वारा मई 2010 में बना लिया गया था, लेकिन उसके बाद भी भगवान लगातार देश भर के स्कूलों और जेलों में जाकर नैतिक शिक्षा देने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वे यह कार्य कोई रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं बल्कि लोगों को नैतिक शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कर रहे हैं।
•पांच हजार स्कूलों और 800 जेलों में नैतिक शिक्षा पर व्याख्यान दे चुके हैं भगवान
•इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने दिया प्रशस्ति पत्र
•कुरीतियां दूर करना है उद्देश्‍य

नैतिक शिक्षा से सर्वागीण विकास : भगवान भाई

नैतिक शिक्षा से सर्वागीण विकास : भगवान भाई
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Bk Bhagwan
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Nov 30 (3 days ago)

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नैतिक शिक्षा से सर्वागीण विकास : भगवान भाई
जागरण संवाद केंद्र, करनाल : ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहा कि बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ साथ नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है। नैतिक शिक्षा से ही संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास संभव है।
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आए भगवान भाई ने मधुबन पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना समय की जरूरत है। नैतिक मूल्यों की कमी ही व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय समस्याओं का मूल कारण है। विद्यार्थियों के मूल्यांकन, आचरण, अनुसरण, लेखन व व्यवहारिक ज्ञान सहित दूसरी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। अंधकार से प्रकाश की ओर शिक्षा ही लेकर जाती है। अपराध मुक्त समाज के लिए संस्कारित शिक्षा अहम है। भावी समाज को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों के माध्यम से बच्चों को नैतिक सद्गुणों की शिक्षा दी जाए। गुणवान व चरित्रवान बच्चे ही देश व समाज के लिए रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। वर्षा बहन ने कहा कि कुसंग, सिनेमा, व्यसन व फैशन से युवा पीढ़ी भटक रही है। चरित्रवान बनने के लिए युवाओं को इनसे दूर रहना चाहिए। प्रधानाचार्य महिंद्र सिंह ने कहा कि इस समय बच्चों को नैतिक शिक्षा से चरित्रवान बनाने की जरूरत है। शिक्षक विनोद शर्मा ने अतिथियों का आभार जाहिर किया। इस दौरान पूनम, निर्मल, अनीता मौजूद रही।