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Thursday, October 16, 2014

सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा जरूरी
























छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा जरूरी है। नैतिक शिक्षा से ही सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा। यह विचार प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू, राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्म कुमार भगवान भाई ने गौरीशंकर इंटर कालेज, एसआरके कालेज, ब्रजश्री इंटर कालेज एवं कमला देवी उमा स्कूल के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते समय किया। 
भगवान भाई ने कहा कि शैक्षणिक जगत में विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी कल का समाज हैं। इसलिए स्कूलों के माध्यम से इन्हें चरित्रवान बनाएं। स्थानीय केंद्र की ब्रह्मकुमार सरिता बहन ने कहा कि चरित्रवान बनने के लिए युवाओं को सिनेमा, व्यसन, फैशन एवं कुसंगति से दूर रहना होगा। इस दौरान एसआरके के प्रधानाचार्य धीरेंद्र राठौर, अनुपम शर्मा, कृपाशंकर मिश्रा, रामनाथ भाई, ऊषा देवी के अलावा अन्य शिक्षक मौजूद थे।




















व्याख्यान के लिए इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज





छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा जरूरी है। नैतिक शिक्षा से ही सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा। यह विचार प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू, राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्म कुमार भगवान भाई ने गौरीशंकर इंटर कालेज, एसआरके कालेज, ब्रजश्री इंटर कालेज एवं कमला देवी उमा स्कूल के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते समय किया।
भगवान भाई ने कहा कि शैक्षणिक जगत में विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी कल का समाज हैं। इसलिए स्कूलों के माध्यम से इन्हें चरित्रवान बनाएं। स्थानीय केंद्र की ब्रह्मकुमार सरिता बहन ने कहा कि चरित्रवान बनने के लिए युवाओं को सिनेमा, व्यसन, फैशन एवं कुसंगति से दूर रहना होगा। इस दौरान एसआरके के प्रधानाचार्य धीरेंद्र राठौर, अनुपम शर्मा, कृपाशंकर मिश्रा, रामनाथ भाई, ऊषा देवी के अलावा अन्य शिक्षक मौजूद थे।

व्याख्यान के लिए इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज



प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आए भगवान ने कलायत के श्री कपिल मुनि महिला कालेज में छात्राआें को नैतिकता का पाठ पढ़ाया। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भौतिकता व नैतिकता जीवन के दो ऐसे पहलू हैं, जो साथ साथ चलते हैं। उन्होंने कहा कि आज स्कूल कालेजों में भौतिक शिक्षा दी जा रही है जिससे जीवन में केवल भौतिकता ही प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए सरकारी व गैर सरकार स्तर पर बड़े बड़े प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे वांछित शिक्षा ग्रहण करना सुगम हो गया है। आज के भौतिक युग में शिक्षा का कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं है, जिसे हम हासिल न कर सकें। कोई अनपढ़ नहीं है, सभी उच्च शिक्षित हो रहे हैं। उसके बावजूद समाज में लगातार बढ़ रहे अपराधों के कारण से समाज विकृत हो कर रह गया। बौद्धिक क्षमता, भावना क्षमता, नैतिक क्षमता व आध्यात्मिक क्षमता यदि चारों क्षमताओं में से एक क्षमता का ह्रास हो जाए तो जीवन का पहिया डगमगा जाता है। कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से छात्राओं को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया। कार्यक्रम में रेखा ने भी छात्राओं को जीवन के नैतिक मूल्यों से आत्मसात करवाया। प्रधानाचार्य डा. सुरेश ने मेहमानों का स्वागत किया।
व्याख्यान के लिए इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज
संस्था में वर्ष 1985 से संपूर्ण रूप से समर्पित भगवान अब तक देश की 800 जेलों में हजारों कैदियों व राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय छह हजार स्कूलों में लाखों विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा मनोबल का विकास करने का अथक प्रयास कर चुके हैं। इस कारण उनका नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है।
कहा, महिला नहीं, छात्रा सशक्तिकरण पर ध्यान दे सरकार, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आए थे वक्ता