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Tuesday, October 30, 2012

B.K. Bhagwan of Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya Vishwa Vidyalaya has been felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ award by Sunrise Peace Mission.



B.K. Bhagwan Bhai Felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ Award
Abu Road: Rajyogi B.K. Bhagwan of Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya Vishwa Vidyalaya has been felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ award by Sunrise Peace Mission. He was given this award for his continuous efforts for moral and spiritual development of thousands of students in more than 5000 schools across various regions of India as well as his tireless efforts to give message to the thousands of prisoners to renounce crime, bringing in the goodwill, values and promoting humanity in their lives.
He was awarded by Dr. Hargovind Murarak, the founder of Sunrise Peace Mission and Mr. Rajshri Devi Murarak, (Padadhikari) of the mission at Gulmohar Park, Nagpur. On this occasion, Dr. Hargovind Murarak said that through such efforts only a new life would be transmitted to the people and values such as goodwill would be promoted.  He continued that B.K. Bhagwan got this award for being an inspiration to do such selfless and tireless service for the sake of bringing in transformation in the society. By eradicating deeply-rooted corruption, evils, addiction, intoxication, mental pollution etc., a civilised society can be formed. Mr. Rajshri Devi Murarak said that through such spiritual and moral programmes, a sense of positivity is enhanced in the life of a person, which helps him to become a good citizen in future.
Sharing his experiences, B.K. Bhagwan said that he learned Rajyoga from a local service centre of P.B.K.I.V.V., Nagpur, 30 years ago through correspondence, which increased his morale and soul power.  Consequently, he is making today an effort to bring a positive transformation in the lives of many youths and prisoners. He also said that today’s youth is tomorrow’s prospective society. If we want to bring in transformation in the society, then, youths of today are needed to be empowered through moral and spiritual education.

B.K. Bhagwan Bhai Felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ Award

B.K. Bhagwan Bhai Felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ Award
Abu Road: Rajyogi B.K. Bhagwan of Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya Vishwa Vidyalaya has been felicitated with ‘Vidharbha Ratan’ award by Sunrise Peace Mission. He was given this award for his continuous efforts for moral and spiritual development of thousands of students in more than 5000 schools across various regions of India as well as his tireless efforts to give message to the thousands of prisoners to renounce crime, bringing in the goodwill, values and promoting humanity in their lives.
He was awarded by Dr. Hargovind Murarak, the founder of Sunrise Peace Mission and Mr. Rajshri Devi Murarak, (Padadhikari) of the mission at Gulmohar Park, Nagpur. On this occasion, Dr. Hargovind Murarak said that through such efforts only a new life would be transmitted to the people and values such as goodwill would be promoted.  He continued that B.K. Bhagwan got this award for being an inspiration to do such selfless and tireless service for the sake of bringing in transformation in the society. By eradicating deeply-rooted corruption, evils, addiction, intoxication, mental pollution etc., a civilised society can be formed. Mr. Rajshri Devi Murarak said that through such spiritual and moral programmes, a sense of positivity is enhanced in the life of a person, which helps him to become a good citizen in future.
Sharing his experiences, B.K. Bhagwan said that he learned Rajyoga from a local service centre of P.B.K.I.V.V., Nagpur, 30 years ago through correspondence, which increased his morale and soul power.  Consequently, he is making today an effort to bring a positive transformation in the lives of many youths and prisoners. He also said that today’s youth is tomorrow’s prospective society. If we want to bring in transformation in the society, then, youths of today are needed to be empowered through moral and spiritual education.

Tuesday, October 23, 2012

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया

आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित




प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे
प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया

आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया

" विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित        

आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i 
  गुलमोहर हॉल में सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया



          " विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित        

आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे
प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i

" विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित


          " विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित 
        


आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i