" विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित
आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
गुलमोहर हॉल में सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
अंत में बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i
आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
गुलमोहर हॉल में सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
अंत में बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i
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