Pages

Tuesday, June 30, 2015

नरवाना (हरियाणा )

नरवाना (हरियाणा )  —-ओम शांति कॉलोनी में स्वदर्शन भवन में एक दिवशीय तनाव मुक्ति पर कार्यक्रम आयोजीत किया माउंट आबू के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधन किया , जिसमे यूनाइटेड बीमा कंपनी के सीनियर मॅनेजर बीबी गोयल मुख्य अथिति के रूपमें

1 5 6 7

सकारात्मकता दूर करेगी तनाव बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भगवान भाई ने कहा सकारात्मकता दूर करेगी तनाव

सकारात्मकता दूर करेगी तनाव बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भगवान भाई ने कहा
सकारात्मकता दूर करेगी तनाव

बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भगवान भाई ने कहा

भास्कर संवाददाता. झाबुआ
नकारात्मक सोच ही अनेक समस्याएं पैदा होती है, जिससे जीवन में तनाव उत्पन्न होता है। इसलिए हर परिस्थिति में सकारात्मक नजरिया रखें, तो तनाव से मुक्त हो सकेंगे।

यह बात ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बार एसोसिएशन में उपस्थित जज और वकीलों से कही। वे तनाव मुक्ति और जीवन जीने की कला विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा विचारों से स्मृति, दृष्टि, वृत्ति और दृष्टिकोण बनता है। विचार नकारात्मक है तो व्यवहार भी नकारात्मक होगा। उन्होंने कहा विचार को सकारात्मक बनाने से जीवन की सभी समस्या समाप्त हो जाएगी। सकारात्मक विचारों से व्यवहार भी सकारात्मक होगा। आत्म बल और मनोबल बढ़ेगा, जिससे व्यवहार में निखार आ जाएगा।

भगवान भाई ने कहा सकारात्मक विचारों से आंतरिक मन में स्थिरता आती है। मन एकाग्र हो जाता है, मन में सशक्तिकरण आ जाता है। एकाग्र मन शांति और सुख का आधार बन जाता है। उन्होंने कहा तनाव मुक्त होने के लिए जीवन के हर क्षण को सकारात्मक विचारों से सींचने का प्रयास करें। उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक विचारों का स्त्रोत बताते हुए कहा जब तक हम अपने जीवन में आध्यात्मिकता को नहीं अपनाते तब तक अपने विचारों में बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने आध्यात्मिकता की परिभाषा बताते हुए कहा स्वयं के बारे में जानना, कर्म गति को जानना, सृष्टि रचयिता को जानना ही वास्तविक आध्यात्मिकता है।

उन्होंने कहा आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण जीवन के नैतिक मूल्यों का अवमूल्यन हो चुका है। वर्तमान परिवेश में तनाव, मानसिक, शारीरिक पीड़ाओं और बुरी आदतों से मुक्त होने के लिए जीवन में मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। जयंती बहन ने कहा हम सभी आत्मा भाई-भाई हैं। एक निराकार शिव परमात्मा के बच्चे हैं। चांद, सूर्य, तारांगण से पार सुनहरी लाल प्रकाशमय दुनिया रंगमंच पर पार्ट बजाने आए हैं।

राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा

रैत : द्रोणाचार्य शिक्षा महाविद्यालय रैत में शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना व पवित्र स्वस्थ जीवन बनाना है। मूल्य शिक्षा ही जीवन को सशक्त, सकारात्मक और विकसित बना सकती है। जीवन में कर्मकमुशलता, व्यवसायिक दक्षता, बौद्धिक विकास एवं विभिन्न विषयों के साथ आपसी स्नेह, सत्यता, पवित्रता, अ¨हसा, दया इत्यादि मानवीय मूल्यों के पाठ भी विद्यार्थियों को पढ़ना जरूरी है। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की सफलता के लिए आत्मविश्वास के सद्गुणों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने। वहीं, कॉलेज के कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के संस्कार ही पूरे भविष्य में चलते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को श्रेष्ठ आचरण बनाने के लिए अच्छे साहित्य, बड़ों की आज्ञा का पालन, बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दी। इस मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारिणी अध्यक्ष वीएस पठानिया, सहित धर्मशाला सेवा केंद्र के संचालक वीके कमलेश, कॉलेज प्रवक्ता मीतू वालिया, विक्रम, दिव्या मेहता, शिल्पा शर्मा, नितिका, गीतिका ठाकुर व अन्य मौजूद रहे। - See more at: http://www.jagran.com/himachal-pradesh/kangra-12348021.html#sthash.TqlBfEpW.dpuf

नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने : राजयोगी

Publish Date:Sun, 10 May 2015 12:19 AM (IST) | Updated Date:Sun, 10 May 2015 12:19 AM (IST)
Click Here!
रैत : द्रोणाचार्य शिक्षा महाविद्यालय रैत में शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना व पवित्र स्वस्थ जीवन बनाना है। मूल्य शिक्षा ही जीवन को सशक्त, सकारात्मक और विकसित बना सकती है। जीवन में कर्मकमुशलता, व्यवसायिक दक्षता, बौद्धिक विकास एवं विभिन्न विषयों के साथ आपसी स्नेह, सत्यता, पवित्रता, अ¨हसा, दया इत्यादि मानवीय मूल्यों के पाठ भी विद्यार्थियों को पढ़ना जरूरी है। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की सफलता के लिए आत्मविश्वास के सद्गुणों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने। वहीं, कॉलेज के कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के संस्कार ही पूरे भविष्य में चलते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को श्रेष्ठ आचरण बनाने के लिए अच्छे साहित्य, बड़ों की आज्ञा का पालन, बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दी। इस मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारिणी अध्यक्ष वीएस पठानिया, सहित धर्मशाला सेवा केंद्र के संचालक वीके कमलेश, कॉलेज प्रवक्ता मीतू वालिया, विक्रम, दिव्या मेहता, शिल्पा शर्मा, नितिका, गीतिका ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।
- See more at: http://www.jagran.com/himachal-pradesh/kangra-12348021.html#sthash.TqlBfEpW.dpuf

अज्ञान रूपी अंधकार में भटक रहा मनुष्य

अज्ञान रूपी अंधकार में भटक रहा मनुष्य

पठानकोट — परमपिता परमात्मा तथा शिव का यदि सर्व मनुष्यात्माओं को परिचय दिया जाए तो सभी संप्रदायों को एक सूत्र में बांधा जा सकता है और आपसी भाईचारा लाया जा सकता है। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवानदास भाई ने कहे। वे शनिवार को स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में पधारे हुए ईश्वरीय प्रेमी भाई-बहनों को सतसंग का महत्त्व विषय पर बोल रहे थे। भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय मानव मात्र अज्ञान रूपी अंधकार में भटक रहा है।

international yoga day 2015



    क्रोध करने से पहले ध्यान रखें ये बात                                                                                                                                                        क्रोध रूपी भूत को हम अपने जीवन से सदा के लिए भगा दें। क्रोध करने से हमारा विवेक नष्ट हो जाता है। जिससे जीवन में सब कुछ होने के बावजूद जीवन अशांत एवं दुखी बन जाता है। क्रोध के अंश का भी वंश बन जाता है और लड़ाई-झगड़े या अभिमान के रूप में झलकता है इसलिए हम अपने अंदर झांक कर देखें कि हमारे अंदर यह महाशत्रु छुपा तो नहीं है? अपने शांति के स्वधर्म से विनम्र बन निर्मलता से इसे मिटा दें। 

क्रोध से नुक्सान
* मन अशांत होगा

* संगठन कमजोर होता जाएगा

* मानसिक और शारीरिक बीमारियां होंगी

* काम बिगड़ जाता है

* समय, संकल्प, श्वास व्यर्थ जाएगा

* वातावरण खराब हो जाता है

* लोग आपसे दूर रहेंगे

* स्वमान में टिक नहीं सकेंगे

* जीवन में अकेलापन आएगा

* एकाग्रता खत्म होगी

* दिमाग भारी हो जाएगा। 

—ब्रह्माकुमार भगवान भाई, शान्तिवन

स्कूलो और जेलो में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया

जालोर। ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्कूलो और जेलो में नैतिक शिक्षा का
पाठ पढ़ाते-पढ़ाते अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया।
बुधवार को ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र में उनका सम्मान समारोह
आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने उनकों
साफा और माला पहनाकर सम्मानित किया।

भगवान भाई ने पांच हजार स्कूलों और आठ सौ जेलों में नैतिक शिक्षा का पाठ
पढ़ाते हुए कहा ये रिकॉर्ड बनाया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भगवान
भाई ने कहा कि स्कूलों में जाकर बच्चो को अच्छे चरित्र और सुशिक्षा की
सीख देता हूं।

उन्होंने शिक्षा का अर्थ बताते हुए कहा कि शिक्षा सशक्त, अनुशासन, समझ,
चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास, सहनशक्ति, एकाग्रता, आशावादी और
सज्जनता का मिश्रण है। साथ ही उन्होंने बताया कि जेलों और स्कूलो का ये
सफर उन्होंने वर्ष 1996 में जालोर से ही शुरू किया था। वहीं ब्रह्मकुमारी
रंजू बहन ने भगवान भाई के जीवन का परिचय देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के
एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद कठिन परिश्रम कर उन्होंने ये
कामयाबी हासिल की है।

नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते बनाया रिकॉर्ड

नैतिक शिक्षा का पाठ पढ?..
नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते बनाया रिकॉर्ड

जालोर। ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्कूलो और जेलो में नैतिक शिक्षा का
पाठ पढ़ाते-पढ़ाते अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया।
बुधवार को ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र में उनका सम्मान समारोह
आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने उनकों
साफा और माला पहनाकर सम्मानित किया।

भगवान भाई ने पांच हजार स्कूलों और आठ सौ जेलों में नैतिक शिक्षा का पाठ
पढ़ाते हुए कहा ये रिकॉर्ड बनाया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भगवान
भाई ने कहा कि स्कूलों में जाकर बच्चो को अच्छे चरित्र और सुशिक्षा की
सीख देता हूं।

उन्होंने शिक्षा का अर्थ बताते हुए कहा कि शिक्षा सशक्त, अनुशासन, समझ,
चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास, सहनशक्ति, एकाग्रता, आशावादी और
सज्जनता का मिश्रण है। साथ ही उन्होंने बताया कि जेलों और स्कूलो का ये
सफर उन्होंने वर्ष 1996 में जालोर से ही शुरू किया था। वहीं ब्रह्मकुमारी
रंजू बहन ने भगवान भाई के जीवन का परिचय देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के
एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद कठिन परिश्रम कर उन्होंने ये
कामयाबी हासिल की है।

नैतिक शिक्षा से बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है: भगवान भाई

नैतिक शिक्षा से बेहतर ?..
नैतिक शिक्षा से बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है: भगवान भाई नैतिक शिक्षा से बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है: भगवान भाई
नैतिक शिक्षा से बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है: भगवान भाई
नैतिक शिक्षा से बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है: भगवान भाई
mpm - 15 days ago
Share
झाबुआ (एमपी मिरर)। एक आदर्श समाज में नैतिक सामाजिक व आध्यात्मिक मूल्य प्रचलित होते है। नैतिक मूल्यों का हमें सम्मान करना चाहिए। मूल्य शिक्षा द्वारा ही बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। उक्त उदगार प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मांउट आबु से पधारे हुए राजयोगी ब्रम्हकुमार भगवान भाई ने कहे। वे शारदा विद्या निकेतन और सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
भगवान भाई ने कहा लालच भ्रम, बेईमानी, चोरी, ठगी, नकारात्मक विचार मनुष्य को नैतिकता के विरूद्घ आचरण करने के लिए उकराता है। उन्होने बताया कि हमें अनैतिकता का मार्ग छोडकर नैतिकता के तरफ जाना है। जीवन में नैतिक शिक्षा आचरण में लाना ही शिक्षा का मुल उददेश्य है। नैतिक मूल्यों की धारण से आंतरिक शक्तियों का विकास होता है और आत्मबल, मनोबल बढता है। उन्होने कहा कि नैतिक मूल्यों से युक्त जीवन ही सभी को पसंद आता है। सदगुणों की धारणा से ही हम प्रशंसा के पान बन सकते है। उन्होने बताया कि मूल्य ही जीवन की सुदंरता और वरदान है। जीवन में धारण किये हुए मूल्य ही हमारे श्रैष्ठ चरित्र की निशानी है। मूल्यों को जीवन में धारण करने की हमारे मन में आस्था निर्माण करने की आवश्यकता है।
भगवान भाई ने कहा कि मूल्य ही हमारे जीवन की अनमोल निधि है। मूल्यों के आधार से हम अपने जीवन में खुशी प्रदान कर सकते है। मूल्य ही हमारे सच्चे मित्र है। उन्होने आगे बताया कि शिक्षा उददेश्य बंधनों से मुक्ति के तरफ से जाना रही है नैतिक शिक्षा द्वारा प्राप्त मुल्यों के आधार से ही हम निर्वधंन तथा स्वालंबी बन सकत है। मूल्यों के आधार से ही यह चलता है। उन्होने बताया कि अगर मूल्यों का हास होगा तो यह संसार विरान हो जायेगा।
राक्षसी प्रवृत्ति द्वारा जीवन दिन प्रति दिन दुखी अशांत बनता जायेगा। उन्होने बताया कि अगर जीवन मूल्यों को नष्टï करोगे तो हमारा जीवन भी ऐसा ही व्यर्थ नष्टï हो जायेगा। जो मूल्यों की रक्षा करेगा उसकी ही रक्षा मूल्य करेंगे अर्थात वह व्यक्ति अमरत्वा को प्राप्त करेगा। उन्होने बताया कि अमर बनना ही शिक्षा का मूल उददेश्य है। स्थानीय ब्रम्हकुमारीय की संचालिका बीके ज्योति बहन ने सभी को ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का परिचय दिया उन्होने बताया कि आधयात्मीकता नही अपनाने का मतलब जीवन में मानवीय नैतिक मुल्य नही अपनाना है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विवि माउंट आबू के भगवान भाई ने

इंदौर। भौतिक शिक्षा के...
इंदौर। भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सकता है। इसके बगैर मनुष्य का काम नहीं चल सकता। ये विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विवि माउंट आबू के भगवान भाई ने व्यक्त किए। वे उमियाधाम पाटीदार कन्या छात्रावास में विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का महत्व बता रहे थे। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों की कमी से ही समस्याएं बढ़ रही है। ज्ञान की व्याख्या में उन्होंने कहा कि जो शिक्षा विद्यार्थियों को अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर, बंधनों से मुक्ति की ओर ले जाए वही सच्ची शिक्षा है। समाज अमूर्त है, वह प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, नैतिकता, मानवीय मूल्यों से ही संचालित होता है। प्रगतिशील एवं श्रेष्ठ समाज इन्हीं मूल्यों से परिभाषित होता है। उन्होंने शिक्षा को ऐसा बीज बताया, जिससे जीवन फलदार वृक्ष बन जाता है। ओमशांति भवन के राजयोगी प्रकाश भाई ने कहा कि कुसंग व फैशन से युवा भटक रहा है, इससे बच्चों की दूरी आवश्यक है। प्राचार्य बबीता हार्डिया ने बताया कि मूल शिक्षा से ही व्यक्ति महान बनता है, सद्गुणों से ही व्यक्तित्व निखरता है।

परचिन्तन वाला कभी सुखी नही रह सकता - ब्र.कु.भगवान भाई


international yoga day 2015





international yoga day 2015


international yoga day 2015





international yoga day 2015




international yoga day 2015


international yoga day 2015





international yoga day 2015