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Tuesday, June 30, 2015

राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा

रैत : द्रोणाचार्य शिक्षा महाविद्यालय रैत में शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना व पवित्र स्वस्थ जीवन बनाना है। मूल्य शिक्षा ही जीवन को सशक्त, सकारात्मक और विकसित बना सकती है। जीवन में कर्मकमुशलता, व्यवसायिक दक्षता, बौद्धिक विकास एवं विभिन्न विषयों के साथ आपसी स्नेह, सत्यता, पवित्रता, अ¨हसा, दया इत्यादि मानवीय मूल्यों के पाठ भी विद्यार्थियों को पढ़ना जरूरी है। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की सफलता के लिए आत्मविश्वास के सद्गुणों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने। वहीं, कॉलेज के कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के संस्कार ही पूरे भविष्य में चलते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को श्रेष्ठ आचरण बनाने के लिए अच्छे साहित्य, बड़ों की आज्ञा का पालन, बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दी। इस मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारिणी अध्यक्ष वीएस पठानिया, सहित धर्मशाला सेवा केंद्र के संचालक वीके कमलेश, कॉलेज प्रवक्ता मीतू वालिया, विक्रम, दिव्या मेहता, शिल्पा शर्मा, नितिका, गीतिका ठाकुर व अन्य मौजूद रहे। - See more at: http://www.jagran.com/himachal-pradesh/kangra-12348021.html#sthash.TqlBfEpW.dpuf

नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने : राजयोगी

Publish Date:Sun, 10 May 2015 12:19 AM (IST) | Updated Date:Sun, 10 May 2015 12:19 AM (IST)
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रैत : द्रोणाचार्य शिक्षा महाविद्यालय रैत में शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राजयोगी बह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना व पवित्र स्वस्थ जीवन बनाना है। मूल्य शिक्षा ही जीवन को सशक्त, सकारात्मक और विकसित बना सकती है। जीवन में कर्मकमुशलता, व्यवसायिक दक्षता, बौद्धिक विकास एवं विभिन्न विषयों के साथ आपसी स्नेह, सत्यता, पवित्रता, अ¨हसा, दया इत्यादि मानवीय मूल्यों के पाठ भी विद्यार्थियों को पढ़ना जरूरी है। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की सफलता के लिए आत्मविश्वास के सद्गुणों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को अपनाकर महान बने। वहीं, कॉलेज के कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के संस्कार ही पूरे भविष्य में चलते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को श्रेष्ठ आचरण बनाने के लिए अच्छे साहित्य, बड़ों की आज्ञा का पालन, बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दी। इस मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारिणी अध्यक्ष वीएस पठानिया, सहित धर्मशाला सेवा केंद्र के संचालक वीके कमलेश, कॉलेज प्रवक्ता मीतू वालिया, विक्रम, दिव्या मेहता, शिल्पा शर्मा, नितिका, गीतिका ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।
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