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Tuesday, June 30, 2015

international yoga day 2015



    क्रोध करने से पहले ध्यान रखें ये बात                                                                                                                                                        क्रोध रूपी भूत को हम अपने जीवन से सदा के लिए भगा दें। क्रोध करने से हमारा विवेक नष्ट हो जाता है। जिससे जीवन में सब कुछ होने के बावजूद जीवन अशांत एवं दुखी बन जाता है। क्रोध के अंश का भी वंश बन जाता है और लड़ाई-झगड़े या अभिमान के रूप में झलकता है इसलिए हम अपने अंदर झांक कर देखें कि हमारे अंदर यह महाशत्रु छुपा तो नहीं है? अपने शांति के स्वधर्म से विनम्र बन निर्मलता से इसे मिटा दें। 

क्रोध से नुक्सान
* मन अशांत होगा

* संगठन कमजोर होता जाएगा

* मानसिक और शारीरिक बीमारियां होंगी

* काम बिगड़ जाता है

* समय, संकल्प, श्वास व्यर्थ जाएगा

* वातावरण खराब हो जाता है

* लोग आपसे दूर रहेंगे

* स्वमान में टिक नहीं सकेंगे

* जीवन में अकेलापन आएगा

* एकाग्रता खत्म होगी

* दिमाग भारी हो जाएगा। 

—ब्रह्माकुमार भगवान भाई, शान्तिवन

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