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Sunday, July 7, 2013

योग के टाइटल

योग के टाइटल -- फरिश्ता





योग के टाइटल :
- राजयोगी - बेहद का राजयोगी - निरंतर राजयोगी - सदा राजयोगी - सहज राजयोगी - न्यारा प्यारा राजयोगी - सर्वश्रेष्ठ 
राजयोगी - महानयोगी-  श्रेष्ठयोगी - कर्मयोगी - बुद्धियोगी - निंद्रायोगी - सदायोगी - स्वतयोगी - सहजयोगी - सरलयोगी - रमतायोगी - उड़तायोगी - मस्तयोगी ,  पूरायोगी - सम्पूर्णयोगी -  सच्चायोगी - पक्कायोगी - पावरफूलयोगी - नेचरलयोगी - निरंतरयोगी - निर्विघ्नयोगी - अटूटयोगी - शीतलयोगी - अचलयोगी - अखण्डयोगी - लग्नमेंमगनयोगी - न्याराप्यारयोगी ,  सच्चासच्चा राजयोगी राजरुषी रुषीराज योगीराज -  अष्ट इष्ट महान सर्वश्रेष्ठ राजयोगी - श्रीमत वाला कर्मयोगी ,  व्यवहार परमार्थ के बेलेन्स वाला कर्मयोगी - बेहद का सहज सदा निरंतर न्यारा प्यारा राजयोगी कर्मयोगी ,  निर्विकल्पी द्रढ़ एकाग्र बुद्धियोगी - आठ घंटे का ज्ञानीयोगी - आठ घंटे की सर्विस वाला योगी - जलती ज्वाला , ज्वाला मुखी , ज्वाला स्वरूप , ज्वाला अग्नि ---- योग अग्नि - योग बल वाला योगी ---- मास्टर सर्वशक्तिमान - मास्टर सर्वशक्तिवान - योग बोम - सभी टाइटल वाला राजयोगी -  सीधा योगी ..... मजबूत योगी ...  सफल योगी ...... सम्पूर्ण योगी ........ पूरा योगी ..... पावर फूल योगी .राजयोग रुषी - सहज निरंतर राजयोगी ...... सहज निरंतर कर्मयोगी ....... सहज निरंतर योगी ......  योग बल वाले ..... याद के बल वाले .... तपस्या के बल वाले ...... योगअग्नि वाला योगी ..... याद की अग्नि वाला योगी .... ८ धंटे की याद का योगी ... सहज राजयोगी ...... राजयोगी तपस्वीमूर्त .........राजयोगी बलवान ....... बेहद का सहज राजयोगी ....  योग बल वाला सहयोगी -राजयोगी राजरुशी रुषीराज योगीराज ........ बेहद का राजयोगी ...... सच्चा सच्चा राजयोगी राजरुषी ---- प्रेक्टिकल दिव्यधारणा वाला नैचरल योगी - पवित्र राजयोगी -

पवित्रता का अभ्यास - पवित्रता ही हमारा धर्म है माना धारणा - मैं पवित्र बिंदी हूँ - मैं पवित्र ज्योति हूँ - मैं पवित्र प्रकाश हूँ - मैं आत्मा पवित्र लाइट हूँ - मैं पवित्र पुंज हूँ - मैं पवित्र ओऱा हूँ - मैं पवित्र आत्मा हूँ -  मैं पवित्रता के सागर की संतान मास्टर पवित्रता का सागर हूँ - मैं पवित्रता  के सागर की संतान पवित्र स्वरूप हूँ - मैं मन वचन कर्म संकल्प स्वप्न से सम्पूर्ण पवित्र हूँ - मैं  रियल ओरिजिनल पवित्र पावन शुद्ध प्योर सोना है - मैं  पवित्र पावन परम पूज्य शुद्ध सात्विक सतोगुणी है - मैं पवित्र पावन परम पूज्य शुद्ध सच्चा सोना है - मैं पवित्र पावन परम पूज्य शुद्ध सात्विक सतोगुणी सतोप्रधान हूँ - मैं सत्य पवित्र दिव्य रियल रोयल ओरिजिनल सच्चा सोना हूँ - मैं पवित्र सितारा हूँ -  मैं परम पवित्र हूँ - मुझ  का स्वधर्म पवित्रता है -  मैं पवित्रता का सूर्य हूँ - मैं पवित्रता की मणि हूँ - मैं परम पवित्र परमात्मा की संतान हूँ -  मैं  पवित्रता की देवी हूँ - मैं आत्मा पवित्र ताजधारी हूँ -  मैं  पवित्रता का अवतार हूँ - मैं पवित्र राज्य अधिकारी हूँ - मैं सम्पूर्ण सतोप्रधान हूँ - मैं पवित्र देवात्मा हूँ - मैं  पूजनीय हूँ - मैं पवित्रता की मूर्ती हूँ - मैं  पूर्वज हूँ - मैं पावन मूर्ती हूँ - मैं पवित्र फूल हूँ - मैं पवित्र कमल आसनधारी हूँ -  मैं पवित्र कमल का फूल हूँ .... मैं कमल पुष्प समान पवित्र हूँ - मैं पवित्र ब्राहमण हूँ - मैं पवित्रता का फ़रिश्ता हूँ - मैं सतोप्रधान फ़रिश्ता हूँ - मैं सतोगुणी फ़रिश्ता हूँ -  मैं पावन फ़रिश्ता हूँ - मैं पवित्रता में सम्पन और सम्पूर्ण हूँ - 

शक्तिस्वरूप का अभ्यास - पुराने अवगुणों का अग्नि संस्कार.....  मैं आत्मा परमधाम शान्तिधाम शिवालय में हूँ ..... शिवबाबा के साथ हूँ ..... समीप हूँ .... समान हूँ ..... सम्मुख हूँ .....  सेफ हूँ ..... बाप की छत्रछाया में हूँ .....अष्ट इष्ट महान सर्व श्रेष्ठ हूँ ...... मैं आत्मा मास्टर ज्ञानसूर्य हूँ .... मास्टर रचयिता हूँ ..... मास्टर महाकाल हूँ ..... मास्टर सर्व शक्तिवान हूँ ..... शिव शक्ति कमबाइन हूँ ..... शिवमई शक्ति ........ अकालतक्खनशीं हूँ ....अकालमूर्त हूँ ..... सावधान होशियार खबरदार चरित्रवान चात्रक एक्यूरे एक्टिव एट्रेक्टिव सम्पूर्ण अटेन्श वाली अलर्ट इजी ..... अटूट अचल अडोल अंगद एकरस एकटिक एकाग्र स्थिरियम और अथक और बीजरूप  हूँ ........ शक्तिमूर्त ..... संहारनीमूर्त ...... अलंकारीमूर्त ..... कल्याणीमूर्त हूँ ......शक्ति सेना हूँ ..... शक्तिदल हूँ .....कालीदल ... सर्वशक्तिमान हूँ ...... सर्वशक्तिवान ....  रुहे गुलाब .... जलतीज्वाला .... ज्वालामुखी ....  ज्वालास्वरूप .... ज्वालाअग्नि हूँ ..... अवगुणों का अग्नि संस्कार कर रही हूँ ........ जला रही हूँ ...... भस्म कर रही हूँ ......  मैं आत्मा महारथी महावीर अवगुण रूपी  मायावी संस्कार पर विजयी रूहानी सेनानी हूँ ....... मैं देहि -अभिमानी ..... आत्मा-अभिमानी..... रूहानी अभिमानी .....परमात्म अभिमानी..... परमात्म ज्ञानी ..... परमात्मा भाग्यवान..... सर्वगुण सम्पन ..... सोले कला ..... सम्पूर्ण निर्विकारी ..... मर्यादा पुरुसोत्तम ...... डबल अहिंसक  हूँ ..... डबल ताजधारी ..... विश्व का मालिक हूँ ..... मैं आत्मा ताजधारी ..... तक्खधारी ..... तिलकधारी ..... दिलतक्खनशीं ..... डबललाइट ..... डबल सेवाधार्री ... सूर्यवंशी शूरवीर .... महाबली महाबलवान ..... बाहुबलि पहेलवान ... अष्टभुजा धारी ...... अष्टशक्तिधारी अस्त्र शस्त्रधारी  शिवमई शक्ति हूँ .....  निमित निर्मान निर्माण निर्मल निर्दोष निर्वेर निर्भय निश्चय वाली निश्चित निश्चंत - सम्पूर्ण नशे और निशाने वाली - निराकारी निर्विकारी निरहंकारी निराकारी अलंकारी कल्याणी - निराकरी निर्विकल्पी कर्मातीत - अनाशक्त उपराम साक्षीद्रष्टा ट्रस्टी महान और महेमान हूँ - रूहानी आर्मी ... रूहानी सेनानी ... शिव शक्ति पांडव सेना .... सेल्वेशन आर्मी ...फायर ब्रिगेडर ... अवगुणों का ज्ञान धारणा से अग्नि संस्कार कर रही हूँ ........ याद की अग्नि - योग की अग्नि से जला रही हूँ ...... योगबल से भस्म कर रही हूँ ...... ज्ञान सागर के पानी में बहा रही हूँ ... मैं सफल सम्पन्न सम्पूर्ण भरपूर तुप्त विजयी का विजयी स्वरूप हूँ - कल्प कल्प की विजयी आत्मा हूँ - हर संकल्प घड़ी , मनसा वाचा कर्मणा विजयी हूँ माना श्रीमत प्रमाण हूँ - विजयी मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है - विजयी मेरे गले का हार है - हर कदम में विजयी हूँ - निश्चयबुद्धि विजयी हूँ - प्रीत की रीती निभाने वाली प्रीतबुद्धि विजयी हूँ - विजयी रत्न हूँ - 

१. भ्रष्टाचार को भस्म करने की कोमेंट्री ---मैं आत्मा सम्पूर्ण श्रीमत फोलो कर बाप रिगार्ड रखने वाला निराकार ज्योति स्वरूप , बिंदु रूप ,बीजरूप  बड़े ते बड़ी हाइएस्ट मास्टर अथोरिटी, बिगड़ी को बनाने वाला मास्टर भोलानाथ मास्टर खिवैया मास्टर रहमदिल , मास्टर धोबी हूँ ...मास्टर गोड़ फाधर ... प्रजपिता ब्रह्मा मुखवंशावली ब्राहमण सर्व की सदगति करने वाला मास्टर सद्गुरु ,मास्टर पतित पावन , मास्टर सर्व शक्तिमान , एडोप्ट चाइल्ड हूँ ... शिव सागर  से निकली हुई बहती भरपूर ज्ञान गंगा हूँ ...जो सहज राजयोग से सिखलाकर भ्रष्टाचार को खत्म कर श्रेष्ठाचारी देवी देवता धर्म की स्थापना कर रामराज्य स्थापन करता हूँ ...सारे विश्व में सुख शांति पवित्रता का रामराज्य स्थापन कर रही हूँ ... सर्व धर्मों का हेड जगत माता जगत पिता हूँ ...सर्वोदया लीडर हूँ - 

२. पावनता की कोमेंट्री --- मैं आत्मा पतित पावन की संतान मास्टर पतित पावन हूँ ......मैं आत्मा मास्टर पतित पावन सच्चा पक्का बाप का बच्चा हूँ  ....... मैं आत्मा मास्टर पतित पावन खुदाई खिदमतगार उपरे उतरा हुआ अवतार हूँ ..... मैं आत्मा मास्टर पतित पावनी बहती भरपूर ज्ञानगंगा हूँ .... मैं आत्मा मास्टर पतित पावन गोड़ फदरली स्टुडेंट हूँ ...... मैं आत्मा मास्टर पतित पावन लकी ज्ञान सितारा हूँ .... मैं आत्मा मास्टर पतित पावनी ज्ञान परी हूँ ...... मैं आत्मा मास्टर पतित पावन त्रिमूर्तिशिववंशी त्रिमूर्ति बच्चा हूँ ... मैं आत्मा मनसा वाचा कर्मणा और तीनो रूपों से सेवा करने वाला मास्टर त्रिमूर्ति विश्व कल्याणकारी विश्व परिवर्तक विश्व का मालिक हूँ ...... मैं आत्मा हर बुराइ को अच्छे में बदलने वाला , हर बिगड़ी को बनाने वाला सवोत्तम ब्रह्मामुंख वंशावली ब्राहमण कुल भूषण नूरे रत्न स्वदर्शनचक्रधारी कोटों में कोई कोई में भी कोई विशेष आत्मा हूँ ...... सारे भारत को पावन बनाने की सेवा में खड़ा हूँ -----

३. स्थिति कोमेंट्री --- १२ ७ ७२ -----------मैं आत्मा कैसा भी वायुमंडल , कैसी भी परिस्थिति , कैसी भी आत्मा को , अपनी सतोप्रधान स्थिति से श्रेष्ठ स्थिति से , रूहानियत की स्थिति से , सूर्यवंशी स्थिति से, ज्ञान सूर्य की स्थिति से , बेहद की स्थिति से , बेहद मास्टर रचयिता की स्थिति से , कल्याण की स्थिति से , भाइ भाई की पावन द्रष्टि से , अचल अडोल अंगद और एकरस बुद्धियोग से , सभी के विकल्प विकार विकर्म को भस्म और परिवर्तन करने वाली ,ईश्वरीय कार्य के निमित्त ट्रष्टी विशेष अलोकिक शक्तिशाली मास्टर ज्ञानसूर्य महाज्ञानी महायोगी महावरदानी विश्व कल्याणी विश्व परिवर्तक दाता विधाता वरदाता मास्टर सर्व शक्ति स्वरूप की अनुभवीमूर्त मरजीवा ब्रह्माकुमार ब्रह्माकुमारी हूँ 

 सदा स्मुर्ती स्वरूप सो सिद्धि स्वरूप बनो---- १. निरोगी बनने की सिद्धि - २. प्रकुर्ती के तत्व को वश में करने की सिद्धि - ३. दुखी , निर्धन व अशांत आत्मा को धनवान बनाने की व सदा सुखी बनाने की सिद्धि - ४. निर्बल को महाबलवान बनाने की सिद्धि - ५. स्वयं के संकल्प को एक सेकण्ड में जहाँ और जैसे ठहराना चाहो माना संकल्प को अपने वश में करने की सिद्धि - ६. पांच विकारों को वश करने की सिद्धि - ७. नैनहिन् को त्रिनेत्री बनाने की सिद्धि - ८. अनेक परिस्थितयों की परेशानी में मूर्छित हुई आत्मा को स्व स्थित द्वरा सुरजीत करने वा जीयदान देने की सिद्धि - ९. भटकी हुई आत्मा को सदा काल ले लिए ठिकाना देने की सिद्धि - १० . जन्म जन्मान्तर के लिए आयु लम्बी करने की सिद्धि - ११. अकाले मुत्यु से बचाने की सिद्धि - १२. राज्यभाग वा ताज तख़्त प्राप्त करने की सिद्धि ----- ऐसे सर्व सिद्धियों को विधि द्वरा प्राप्त करने वाली , श्रीमत के आधार से हर सिद्धि को जानकर यूज करने वाली , निमित्त मात्र बन कर सिद्धि को यूज करने वाली रूहानी नशे वाली रूहानी रूह हूँ - अगर मैं पन में आकर कोई भी सिद्धि को यूज किया --- तो कहावत है की ---  " करामत केहर खुदाई | "  अर्थात श्रेष्ठ पद के बजाय , सजा के भागी बन जायेंगे - साक्षीपन नहीं तो तो फिर सजा है | इसलिए सदा स्मुर्ती स्वरूप सो सिद्धि स्वरूप बनो ------  

ब्रह्मा मुखवंशावली सवोत्तम ब्राहमणपन का स्वमान :- मैं आत्मा इस साकारी दुनिया में संगमयुगी श्रेष्ठ रचना प्रजापिता ब्रह्मा मुखवंशावली सवोत्तम ब्राहमण हूँ - मैं पवित्र , सर्वश्रेष्ठ , महान आत्मा हूँ - पवित्रता और शांति मुझ आत्मा का स्वधर्म है - मेरा स्थान इस सुष्टि चक्र में टॉप पॉइंट पर है - मैं पतितों को पावन बनाने वाली पतित पावनी ज्ञान गंगा हूँ - ब्रह्मा मुख वंशावली हूँ - ब्रह्मा बाप के साथ साथ मेरा भी दिव्य अलौकिक जन्म है - मैं अवतरित हुई आत्मा आसुरी बुर्तियों , आसुरी संस्कारों का विनाश करने वाली शिव शक्ति हूँ - विश्व कल्याणकारी बाप की मैं विश्व कल्याणकारी आत्मा हूँ - मैं आत्मा त्रिकालदर्शी हूँ - मैं आत्मा मनमनाभव , मामेकम , मध्याजी ले मंत्र के अर्थ स्वरूप में स्थित हूँ - मैं आत्मा इस देह में रहते रहते देह और देह के सबंध , पदार्थ , और वैभवों की दुनिया से अनासक्त हूँ - वास्तव में मैं आत्मा भ्रकुटी के मध्य में बिराजमान एक दिव्य सितारा हूँ - मैं आत्मा देह के बन्धनों से - परधर्म और प्रकुर्ती के धर्म से मुक्त प्रकुतिजीत आत्मा हूँ - मैं आत्मा अलौकिक हूँ - अधिकारी हूँ - विजयी का विजयी स्वरूप हूँ - अनेक बार की विजयी हूँ - हर कल्प की विजयी हूँ - कल्पान्तर की विजयी आत्मा हूँ -विजयी रत्न हूँ - विजयी मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है -----  

मैं पठने और पठाने वाला ब्राहमण हूँ...... मैं अपनी कमाई वाला ब्राहमण  हूँ ....... मैं अपने पैरो पर खड़ा रहेने वाला ब्राहमण हूँ ....... मैं ब्रहममूर्त में उठाने वाला  ब्राहमण  हूँ ...... मैं ब्रह्मा भोजन स्वीकार करने वाला ब्राहमण हूँ .......  मैं स्वेत वस्त्र धारण करने वाला ब्राहमण हूँ ....... मैं मरजीवा ब्राहमण हूँ .......  मैं ब्रह्मा मुखवंशावली ब्राहमण हूँ ......  मैं ब्रह्मा कुमार ब्रह्मा कुमारी हूँ ...... मैं पावन बन पावन दुनिया लाने वाला ब्राहमण हूँ ..... स्वदर्शन चक्रधारी ब्राहमण कुलभूषण नूरे रतन हूँ ...... अच्छा और पक्का नशे और निशाने वाला हूँ ..... याद प्यार वरदान नमस्ते स्वीकार करने वाला ब्राहमण हूँ ...... मैं आत्मा ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राहमण हूँ - मैं आत्मा होलीहंस की सभा का ब्राहमण हूँ - मैं आत्मा पवित्र ब्राहमण हूँ - मैं आत्मा पारसबुद्धि  ब्राहमण हूँ - मैं आत्मा ब्राहमण वर्ण का हूँ - मैं आत्मा ब्राहमण धर्म का हूँ - मैं आत्मा ब्राहमण समप्रदाय का हूँ - मैं आत्मा ब्राहमण चोटी हूँ - मैं आत्मा ब्रह्मा वंशी हूँ - मैं आत्मा एक बाप की याद वाला अन्त मति सो श्रेष्ठ गति वाला ब्राहमण हूँ - मैं आत्मा ब्राहमण सो फ़रिश्ता सो देवता हूँ - मैं आत्मा एक से बुद्धि योग जोड़ने वाला - एक की याद वाला  - एक की ही श्रीमत पर चलने वाला सम्पूर्ण पवित्र ब्राहमण हूँ -  मैं आत्मा रूहानी रोयल्टी की झलक वाला - आत्मा सम्पूर्ण पवित्रता की चमक वाला ब्राहमण  हूँ - मैं आत्मा प्यूरिटी की रोयल्टी वाला -रूहानी चहेरे चलन वाला हूँ - मैं आत्मा रूहानी सबंध समपर्क वाला - रूहानी व्यवहार वाला -  परमात्म भाग्यवान - ब्राहमण सम्प्रदाय वाला - ब्राहमण धर्म वाला - ब्राहमण कुल वाला - ब्राहमण वर्ण वाला - ब्रह्मा वंशी हूँ - गीता ज्ञान सुनने वाला - त्रेनेत्री  -रह्मा मुख वंशावली ब्राहमण हूँ -

स्वमान का अभ्यास :- मैं आत्मा मस्टर ज्ञान सूर्य हूँ - मैं आत्मा  महावीर हूँ , माया पर विजयी रूहानी सेनानी हूँ - मैं आत्मा शिव शक्ति हूँ - मैं आत्मा हिम्मतवान , धैर्यवान और महान हूँ - मैं आत्मा स्वदर्शन चक्रधारी हूँ - मैं आत्मा विश्व परिवर्तक हूँ - मैं बाबा का राईट हेन्ड हूँ - मैं आत्मा राजॠषि हूँ - मैं आत्मा लाईट हूँ , उड़ता पंछी हूँ - मैं अष्ट शक्तिधारी हूँ - मैं विध्न विनाशक हूँ - मैं मायाजीत हूँ , निर्भय हूँ , अचल  अडोल अंगड हूँ - मैं ज्वालामुखी हूँ - मैं राजहंस हूँ - मैं होलीहंस हूँ - मैं रुहे गुलाब हूँ - मैं ज्ञान परी हूँ - मैं रूहानी आशिक हूँ - मैं ब्रह्मा की भुजा हूँ - मैं पांडव हूँ - मैं ब्रह्मामुखवंशावली पवित्र ब्राहमण हूँ - मैं अर्जुन हूँ - मैं रूहानी सर्जन हूँ - मैं ब्रह्मा कुमार हूँ - मैं समर्थ आत्मा हूँ - मैं चमकता हुआ तारा हूँ , न्यारा और प्यारा हूँ - मैं पावरहाउस हूँ - मैं विकर्मजीत हूँ - मैं लाइट का ताजधारी हूँ - मैं रूलर हूँ , कंट्रोलर हूँ - मैं मनुष्य सुष्टि रूपी वृक्ष का मास्टर बीजरूप हूँ - मैं मास्टर शांति का सागर हूँ - मैं मास्टर पवित्रता का सागर हूँ - मैं बेगमपुर का बादशाह हूँ - मैं सैम्पल और एक्जाम्पल हूँ - मैं चैतन्य मूर्ती हूँ - मैं सुखदेव हूँ - मैं  सुख का सागर हूँ - मैं मास्टर दाता हूँ - मैं सफलतामूर्त आत्मा हूँ - मैं गुणस्वरूप आत्मा हूँ - मैं बाप के दिलतख्तनशीन आत्मा हूँ - मैं रूहानी जादूगर हूँ - मैं साक्षात्कारमूर्त आत्मा हूँ - मैं मर्यादा पुरुसोत्तम हूँ - मैं खुशनशीन खुशकिस्मत खुशनुमा खुशहाल हूँ - मैं बन्धनमुक्त आत्मा हूँ - मैं विजयी रत्न हूँ - मैं तपस्वीराज हूँ - मैं एवररेडी आलराउंडर हूँ - मैं शांतिदूत हूँ - मैं प्रकुर्तीजीत हूँ - मैं ईश्वरीय संतान हूँ - मैं सुखदेव हूँ - मैं रहमदिल आत्मा हूँ - मैं यज्ञस्नेही यज्ञरक्षक यज्ञप्यारा यज्ञसेवक हूँ - मैं प्रसन्नचित्त आत्मा हूँ - मैं विश्वसेवक हूँ - मैं पथप्रदर्शक हूँ - मैं अष्टशक्तिधारी हूँ - मैं इसेन्सफूल हूँ - मैं संतुष्टमणि हूँ - मैं पदमापदम भाग्यशाली आत्मा हूँ - मैं सर्व प्राप्तिस्वरूप आत्मा हूँ - मैं मास्टर त्रिकालदर्शी हूँ - मैं स्वराज्यअधिकारी हूँ - मैं कम खर्च बालानशीन हूँ - मैं बेफिक्र बादशाह हूँ - मैं रूहानी परवाना हूँ - मैं पुण्यात्मा हूँ - मैं अंधों की लाठी हूँ - मैं अकालमूर्त आत्मा हूँ - मैं विश्वराज्यअधिकारी आत्मा हूँ - मैं तीव्र पुरुषार्थी हूँ - मैं समाधान स्वरूप हूँ - मैं बाप के नयनों का नूर हूँ - मैं एकनामी और एकानामी  करने वाली आत्म हूँ - मैं सरल स्वभावधारी आत्मा हूँ - मैं बेहद का वैरागी हूँ - मैं बेहद का सन्यासी हूँ - मैं बेहद का राजरुशी हूँ - मैं बेहद का सेवाधारी हूँ - मैं श्रेष्ठ स्वमानधारी हूँ - मैं कर्मयोगी हूँ - मैं सदाचारी व श्रेष्ठ व्यवहारी हूँ - मैं अष्टभुजाधारी हूँ - मैं अलंकारीमूर्त हूँ - मैं कामधेनु हूँ - मैं अनुभवीमूर्त आत्मा हूँ - मैं राजयोगी हूँ - मैं नजर से निहाल करने वाली आत्मा हूँ - मैं मास्टर पतित पावन हूँ - मैं मनजीत मायाजीत प्रकुर्तीजीत जगतजीत हूँ - मैं नष्टोमोहा स्मुर्तीस्वरूप हूँ - मैं सर्व कामनाजीत हूँ - मैं उपराम हूँ - मैं प्रभुप्रिय हूँ - मैं आनेस्ट हूँ - मैं सत्यता की देवी हूँ - मैं आधारमूर्त उद्धारमूर्त उदाहारणमूर्त  उदारचित्त हूँ - मैं सर्वश त्यागी हूँ - मैं लवफूल और लो फूल हूँ - मैं कमल आसनधारी हूँ - मैं केयरफूल और चेअरफूल हूँ - मैं विश्वरक्षक यज्ञरक्षक हूँ - मैं खुदाई खिदमतगार हूँ - मैं त्रिनेत्री , त्रिलोकीनाथ आत्मा हूँ - मैं लाईट हाउस माईट हाउस हूँ - मैं महादानी और महावरदानीमूर्त हूँ - मं आज्ञाकारी , वफादार , फरमानबरदार इमानदार हूँ -  मैं हर्षितमुख अंतरमुख गंभीर और रमणीक हूँ - मैं ऑलराउंडर हीरो पार्टधारी हूँ - मैं अवतरित आत्मा हूँ - मैं निराकारी निर्विकारी निरहंकारी निर्विकल्पी हूँ - मैं क्षमाशील और गुणग्राहक हूँ - मैं संगमयुगी ब्राहमण सो फरिश्ता सो देवता हूँ - मैं तपस्वीमूर्त आत्मा हूँ - मैं मास्टर दुःखहर्ता सुख कर्ता हूँ - मैं लक्की लवली और लवलीन हूँ - मैं विश्वपरिवर्तक हूँ - मैं रोयल अमूल्य हिरा हूँ - बेदाग हिरा हूँ - मूल्यवान हीरो - डबल हीरो - हीरे जैसी जीवन वाला हूँ - मैं गाइड हूँ - मैं बालक सो मालिक आत्मा हूँ - मैं मस्तकमणि हूँ - मैं रूहानी टीचर हूँ - मैं निश्चिन्त आत्मा हूँ - मैं सर्व की  शुभचिन्तक आत्मा हूँ - मैं बाप की श्रेष्ठ आशाओं का दीपक हूँ - मैं शिववंशी हूँ - मैं ब्राहमणवंशी हूँ - मैं जहान का नूर हूँ - मैं महावीर हूँ - मैं बहती ज्ञान गंगा हूँ - मैं त्रिमूर्ति , तिलकधारी हूँ - मैं अधिकारी आत्मा हूँ - मैं तक़दीरवान आत्मा हूँ - मैं मास्टर रत्नागर हूँ - मैं मास्टर जादूगर हूँ - मैं मास्टर सौदागर हूँ - मैं विशेष पार्टधारी आत्मा हूँ - मैं मस्तयोगी हूँ - मैं बेगर टू प्रिन्स हूँ - मैं स्वराज्य अधिकारी हूँ - मैं ट्रष्टी हूँ - मैं मायाप्रूफ हूँ - मैं रमतायोगी हूँ - मैं एक मासूक का आशिक हूँ - मैं प्रीतबुद्धि हूँ - मैं आनन्द का सागर हूँ - मैं स्मुर्तीस्वरूप हूँ - मैं परमात्म स्नेही हूँ - मैं दिव्य नेत्रधारी हूँ - मैं ज्ञानचन्द्रमा ज्ञान सितार हूँ - मैं गोपी वल्लभ की गोपी हूँ - मैं प्रेममूर्त हूँ - मैं बाप पर कुर्बान न्योछावर हूँ - मैं भीष्म पितामह हूँ - मैं शिव की पार्वती हूँ - मैं चात्रक हूँ - मैं मास्टर भोलानाथ हूँ - मैं ब्राहमण कुल का श्रुंगार हूँ - मैं तुप्त आत्मा हूँ - मैं श्रुन्गारी हूँ - मैं एकव्रता हूँ - मैं मधुरता की मूर्ती हूँ - मैं बाबा की आशाओं का दीपक हूँ - मैं शीतल योगी हूँ - मैं विध्नविनाशक गणेश हूँ - मैं आत्मा शुभचिन्तक हूँ - मैं सर्व की सत्कारी हूँ - मैं प्रभु रत्न हूँ - मैं सम्पूर्ण अहिंसक हूँ - मैं स्वच्छ बुद्धि हूँ - मैं ख़ुशी का भंडारा हूँ - मैं सुपात्र आत्मा हूँ - मैं मास्टर भाग्यविधाता हूँ - मैं परोपकारी हूँ - मैं मस्त फकीर हूँ - मैं जगतमाता हूँ - मैं अष्ट भुजाधारी दुर्गा हूँ - मैं मास्टर रचयिता हूँ - मैं वानप्रस्थि हूँ - मैं कर्मेन्द्रियजीत हूँ , कर्मबन्धनमुक्त हूँ - मैं विदेही हूँ - मैं चतुर्भुज हूँ - मैं सपूत बच्चा हूँ - मैं पैगम्बर हूँ - मैं मुरब्बी बच्चा हूँ - मैं पीस मेकर हूँ - मैं शांति स्तंभ हूँ - मैं गंभीर और रमणीक आत्मा हूँ - मैं महेमान हूँ - मैं सहजयोगी हूँ - मैं सदा जागती ज्योत हूँ - मैं सरलचित्त हूँ - मैं संगमयुगी श्रेष्ठ पार्टधारी हूँ - मैं स्वतंत्र आत्मा हूँ - मैं फायर ब्रिगेडियर हूँ - मैं निंद्राजीत हूँ - मैं मास्टर लिब्रेटर हूँ - मैं सिद्धिस्वरप हूँ - मैं दिव्य मूर्ती हूँ - मैं मास्टर सतगुरु हूँ - मैं फाक्रदिल , बड़ी दिलवाला हूँ - मैं स्वदर्शन चक्रधारी आत्मा हूँ - मैं गायन व पूजन योग्य आत्मा हूँ - मैं दयालु , कृपालु , रहम करुणा और क्षमाशील हूँ - मैं अल्लाह अव्ल्दीन का चिराग हूँ - मैं जिम्मेवारी के ताजधारी आत्मा हूँ - मैं दर्शनीयमूर्त हूँ - मैं मास्टर सहारे दाता हूँ - मैं महाज्ञानी गुणदानी आत्मा हूँ - मैं उम्मीदों का सितारा हूँ - मैं चांसलर हूँ - मैं उड़ता पंछी हूँ - मैं दिलाराम की दिलरुबा हूँ - मैं शिवशक्ति कम्बाइन हूँ - मैं शिवमइ शक्ति हूँ - मैं मोल्ड होनेवाला रियल गोल्ड हूँ - मैं पारसमणि हूँ - मैं पूर्वज हूँ - मैं रूहानी यात्री हूँ - मैं रूहानी योद्धा हूँ - मैं रूहानी सर्जन हूँ - मैं रूहानी डॉक्टर हूँ - मैं मिलनसार आत्मा हूँ - मैं परमात्म ज्ञानी हूँ - मैं गोड्ली स्टुडेंट हूँ - मैं निर्मान और निर्मान हूँ - मैं चेकर और मेकर हूँ - मैं निर्विघ्न आत्मा हूँ - मैं चलता फिरता प्रयोगशाला हूँ - मैं अजर अमर अविनाशी आत्मा हूँ - मैं टावर ऑफ पीस हूँ - मैं मास्टर ब्रह्मा हूँ - मैं मास्टर सर्वशक्ति मान हूँ - मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ - मैं मास्टर वैधनाथ हूँ - मैं विश्व कल्याणकारी हूँ - मैं संसार का सहारा हूँ - मैं भगवान के नयनों का नूर हूँ - मैं इस देह का मालिक हूँ - मैं इष्ट देव हूँ - मैं रूहानी पण्डा हूँ - मैं मास्टर धोबी हूँ - मैं मास्टर रचयिता हूँ - मैं दाता और वरदाता हूँ - मैं मास्टर भाग्य विधाता हूँ - मैं विष्णु चतुर्भुज हूँ - मैं मास्टर त्रिलोकीनाथ हूँ - मैं त्रेनेत्री हूँ - मैं मास्टर त्रिकालदर्शी हूँ - मैं फ्लोलेस सो फूल हूँ - 

सतयुगी कोमेंट्री --- मैं आत्मा अन्त मति श्रेष्ठ गति वाला हूँ ....... मैं आत्मा अन्त मति  सो श्रेष्ठ गति वाला  नारायण हूँ ...... अन्त मति श्रेष्ठ गति वाला लक्ष्मी नारायण के डीनायस्टी का हूँ ....... अन्त मति सो श्रेष्ठ गति वाला घडी घडी राजाइ का मालिक हूँ ....... १) मैं आत्मा ब्रहस्पति की दशा वाला जीवनमुक्त स्वराज्य अधिकारी हूँ .... राजाइ का मालिक हूँ .... कृष्ण पुरी का मालिक हूँ .... सूर्यवंशी हूँ .... सतोप्रधान हूँ ..... राज घराने का हूँ ..... राज्कुक्ल का हूँ ...... नारायण हूँ - मैं आत्मा विष्णु चतुर्भुज हूँ ..... सर्व अलंकारो गुणों गहनों से सुसज्जित श्रुन्गारित देवता हूँ ..... सच्चा सच्चा वैष्णव हूँ ...... सात्विक सतोगुणी हूँ ..... विष्णुपुरी का मालिक हूँ ..... पवित्र पावन देवता हूँ ......मैं उंच  महान पवित्र देवता हूँ भारतवासी  हूँ .....पवित्र पावन पूजनीय देवता हूँ .....  सात्विक हूँ .... सतोगुणी हूँ .....शूरवीर हूँ .....  परम पूज्य देवता .... पवित्र का अवतार ...... दिव्य गुणधारी हूँ .... दिव्य शक्तिधारी हूँ .....  दिव्य कर्मधारी हूँ ...... दिव्य संस्कारधारी हूँ ....... दिव्य स्वभावधारी हूँ ..... दिव्य शरीरीधारी हूँ ...... ताजधारी तख्क्तधारी तिलकधारी हूँ ..... राज्य अधिकारी हूँ ....... स्वराज्य अधिकारी हूँ ...... राज घराने का हूँ ..... राज कुल का हूँ ...... क्राउन प्रिन्स प्रिन्सेस हूँ ...... राज राजेश्वरी हूँ ......- मैं आत्मा आदि आदि सनातन देवी देवता धर्म का हूँ ....... भारतवासी उंच महान पवित्र देवता धर्म का हूँ ...... उंच और श्रेष्ठ कर्म और श्रेष्ठ धर्म वाला सर्वगुण सम्पन , सोलेकला सम्पूर्ण , सम्पूर्ण निर्विकारी , मर्यादा पुरुसोत्तम , डबल अहिंसक देवता हूँ   ..... विश्व महाराजन हूँ ..... तख़्तनशीन हूँ ..... डबल ताजद्जारी हूँ ..... नारायण हूँ ...... पूज्य राजाओं का राजा हूँ ...... विश्व का मालिक हूँ ..... भारत का मालिक हूँ ....... राजाइ का मालिक हूँ ..... राजधानी का मालिक हूँ ....... सुखधाम का मालिक हूँ ...... स्वर्ग का मालिक हूँ ...... सतयुग का मालिक - अमरपुरी का मालिक हूँ ...... अमरलोक मालिक हूँ ..... कुष्णपुरी  का मालिक हूँ ....... विष्णुपुरी का मालिक हूँ ......वैकुण्ठ का मालिक -  परिस्थान का मालिक हूँ ...... पारसपूरी का मालिक हूँ ...... पवित्र भारत का मालिक हूँ ...... पावन भारत  का मालिक हूँ .......- पूज्य भारत का मालिक - सतोप्रधान भारत का मालिक -  हीरे जैसा भारत का मालिक हूँ ...... सोने जैसा भारत का मालिक - बैकुण्ठ का मालिक हूँ ...... शिवालय का मालिक हूँ .... शिव पूरी का मालिक - गोल्डन एज्ड का मालिक - मैं आत्मा  सर्वगुण सम्पन .....सोले कला सम्पूर्ण .....सम्पूर्ण निर्विकारी ..... मर्यादा पुरुसोत्तम ..... डबल अहिंसक देवता हूँ ...... मैं आत्मा दिव्य कर्मधारी हूँ ..... मैं आत्मा दिव्य शरीरीधारी हूँ ..... दिव्य संस्कारी हूँ .....दिव्य गुणधारी हूँ ...... दिव्य शक्तिधारी हूँ  .....दैवी स्वभावधारी देवता हूँ ....... मैं आत्मा सदैव सर्व गुणों गहेनो और अलंकारो से सजे सजाये हर्षितमुख  देवता हूँ ...... विष्णु चतुरभुज हूँ ...... अलंकारी हूँ ..... सूर्यवंशी हूँ ..... विष्णुवंशी हूँ ..... ताजधारी तख्तधारी तिलकधारी राज्य अधिकारी हूँ ...... विश्व का मालिक हूँ ..... सुखधाम का मालिक हूँ .... धनवान हूँ ..... साहूकार हूँ ..... मैं आत्मा 84 जन्म वाला भारतवासी उंच महान पवित्र सूर्यवंशी डबल ताजधारी देवी -देवता हूँ ....... आदि सनातन देवी - देवता धर्म का हूँ - दैवी कुल का हूँ - दैवी संप्रदाय वाला हूँ - देवता वर्ण का हूँ  .............................

 बेहद का अभ्यास -  बेहद का बाबा .... बेहद का टीचर .... बेहद का सतगुरु .... बेहद का सद्गुरु ..... बेहद बाप का  बेहद का बच्चा  बेहद के वर्षे का अधिकारी हूँ ..........बेहद टीचर का बेहद का स्टुडेंट बेहद की पढाई वाला हूँ ............बेहद बाबा का बेहद का बच्चा बेहद राजयोग की पढाई वाला बेहद की इनकम वाला हूँ ...........बेहद सदगुरु का बेहद का फोलोअर्स बेहद की श्रीमत वाले बेहद की गुरुकृपा वाले बेहद वरदानो से पल रहा हूँ  ...........बेहद का बाबा के बेहद के बच्चे बेहद का परिवतन करने वाले बेहद के विश्व के मालिक है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद में खड़े है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद अविनाशी निश्चय बुद्धि विजयी स्वरूप है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के वैरागी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की पालना में पलते है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के सर्वस्व त्यागी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के दिव्यबुद्धि त्रिकालदर्शी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद अविनाशी उमंग उत्साह उल्लास हुल्लास और साहस हिंम्मतवान है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के एक्टर है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के पार्टधारी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के स्मुर्ती स्वरूप है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की स्थिति में स्थित है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद खुशनशीब है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे के  बेहद के कल्याणी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के नशे में स्थित है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद सुखस्वरूप है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद भट्ठी के मॉडल है .......... बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद पवित्र सतोप्रधान है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के सहनशील है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के दुवाओ के पात्र है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के वानप्रस्थी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के याद स्वरूप है .......... बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद धनवान है ..........बेहद बाप के बेहद के बच्चे बेहद के समजदार है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की समजानी से बेहद के बादशाही वाले है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के तपस्वी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के सेवाधारी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की द्रष्टि वुर्ती वाले है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की गति विधि में फास्ट है ..........बेहद बाबा के बेहद के स्टुडेंट बेहद की स्कुलमें के बेहद की पढाई पढ़ रहा हूँ ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के स्वराज्य अधिकारी है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के मर्तबे वाले है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के रहमदिल है ...........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद के नोलेजफूल है ..........बेहद बाबा के बेहद के बच्चे बेहद की हिस्ट्री जोग्रोफी वाले है ...........बेहद यज्ञ के बेहद के ब्राहमण बेहद के यज्ञ के बेहद की सामग्री स्वाहा  करने  वाले  माना अंश वंश सहित पांच विकार और आसूरीपना आसूरी वुर्ती आसूरी संस्कार आसूरी  चलन को स्वाहा करने वाले बेहद में खड़ा हूँ - बेहद का स्थान - बेहद का संदेश - बेहद का परिवर्तन - बेहद की स्थति - बेहद की स्मुर्ती - बेहद की याद - बेहद की द्रष्टि - बेहद की वुर्ती - बेहद का वर्सा - बेहद का सुख - बेहद की पढाई - बेहद की इनकम - बेहद स्वराज्य अधिकारी - बेहद का राजयोगी - बेहद का सर्व:त्यागी - बेहद का तपस्वी - बेहद का वैरागी -  

फ़रिश्ता का अभ्यास ..............मैं कर्मयोगी फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी बातो में हल्का फ़रिश्ता हूँ ....मैं संकल्प वाणी कर्म सबंध सम्पर्क से हल्का फ़रिश्ता हूँ ....मैं सूक्ष्मवतन वासी फ़रिश्ता हूँ ....मैं अर्श निवासी फ़रिश्ता हूँ ....मैं साक्षात्कारमूर्त आर साक्षातमूर्त फरिश्ताहूँ....मैं सम्पूर्ण अव्यक्तमूर्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं प्रकुर्ती की आकर्षण से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी बातो में फुल फ़रिश्ता हूँ ....मैं देह की स्मुति से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं पांच तत्वों की आकर्षण से परे फ़रिश्ता हूँ  ....मैं प्रकाशधारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं शरीर के अधिकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं संकल्पों के अधिकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं माया के  अधिकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं लोकिक और अलोकिक सबंध के अधिकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी बातो में अधिकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं कर्म द्वारा गुणों का दान करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं लाइट और लाइट का फ़रिश्ता हूँ ....मैं मन वचन कर्म से सरल फ़रिश्ता हूँ ....मैं हर कर्तव्य करते बाप की याद में उड़ने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं आकारी सूक्ष्म शरीरधारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं चक्रधारी न्यारा फ़रिश्ता हूँ ....मैं कर्म करते हुए कर्मातीत फ़रिश्ता हूँ ....मैं व्यक्त में रहेते अव्यक्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं देह में रहेते विदेही फ़रिश्ता हूँ ....मैं इच्छा मात्रम अविद्धया वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सर्व की इच्छा पूर्ण करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं डबल लाइट फ़रिश्ता हूँ ....मैं लाइट के कार्ब में बिराजमान फ़रिश्ता हूँ ....मैं अलोकिक और हल्का फ़रिश्ता हूँ ....मैं अव्यक्त स्थिति में एक्ट करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं निरंतर नेचरल डान्स करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी रिश्तो से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं लोकिक और अलोकिक रिश्तो से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं मजबूरी में मजबूत रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं अंत:वाहक फ़रिश्ता हूँ ....मैं सिद्धि स्वरूप फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी का फ्यूचर बनाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी आकर्षण और लगाओ से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं समय पर प्रगट होने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं लाइट हाउस ... माइट हाउस फ़रिश्ता हूँ ....मैं शुभचिंतक निश्चिन्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं समय पर समां जाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी को उंच मजिल पर ले जाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं अथक फ़रिश्ता हूँ ....मैं बाप सामान फ़रिश्ता हूँ ....मैं साक्षी हो पार्ट देखने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सहयोग देने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं कल्याण की सकाश देने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं स्नेह की द्रष्टि - वुर्ती के सहयोग की सकाश देनेवाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं एक के साथ सर्व रिश्ता निभाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सभी बन्धनों से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं और मरेपन से मुक्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं भक्तो में भक्ति का संस्कार भरने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं साकार बाप को फोलो करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं रीफाइन बुद्धि वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं बाप के साथ रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं देहि-अभिमानी फ़रिश्ता हूँ ....मैं सफेद वस्त्रधारी और सफेद लाइटधारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं अव्यक्त फरिश्ते का अनुभव करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं अंत:वाहक शरीर द्वारा चक्र लगाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सूक्ष्मवतन में सम्पन फ़रिश्ता हूँ ....मैं मास्टर सर्व्शाक्तिवन फ़रिश्ता हूँ ....मैं फरिश्तो की दुनिया में रहेने वाला फरिश्ता हूँ ....मैं विकारी दुनिया और विकारी द्रष्टि - वुर्ती से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं उड़ता पंछी फ़रिश्ता हूँ ....मैं वेस्ट और वेइट से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदा उमंग उत्साह और उत्सव में रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं मायाजीत प्रकुर्तीजित फ़रिश्ता हूँ ....मैं हलचल में अचल फ़रिश्ता हूँ ....मैं ब्राहमण सो फ़रिश्ता ... फ़रिश्ता सो देवता हूँ ....मैं देहभान देह-अभिमान और देह-अहंकार से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं महेमान सो महान फ़रिश्ता हूँ ....मैं पुराना चोला छोड़ माना मरजीवा फ़रिश्ता हूँ ....मैं अलोकिक गिफ्ट देने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं उडती कला में जाने वाला फ़रिश्ता हूँ ...मैं निराकार आकार और साकार को फोलो करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं बेहद में रहने वाला फरिश्ता हूँ ....मैं आवाज से परे फरिश्ता हूँ ....मैं सर्व पुरुषो में उत्तम पुरुष फ़रिश्ता हूँ ....मैं प्रभु प्रेमी फरिश्ता हूँ ....मैं शांति का फ़रिश्ता हूँ ....मैं पवित्रता का फ़रिश्ता हूँ ....मैं ख़ुशी का फ़रिश्ता हूँ ....मैं अव्यक्त रूपधारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं अव्यक्त बोल धारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं अव्यक्त कर्म धारी फरिश्ता हूँ ....मैं सुनहरी दुनिया लाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सम्पन तस्वीर वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं कामनाओ पर विजय प्राप्त करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं निर्बन्धन फ़रिश्ता हूँ ....मैं न्यारे और प्यारे का बेलेन्स रखने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं उड़ती कला वाला विजयी फ़रिश्ता हूँ ....मैं निश्चयबुद्धि निश्चिन्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं उड़ती कला द्वारा औरो को भी उड़ाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं अविनाशी भाग्यवान फ़रिश्ता हूँ ....मैं वरदाता सो विधाता ... फ़रिश्ता सो देवता है ....मैं नष्टोमोहा स्मुर्तीस्वरूप फरिश्ता हूँ ....मैं सभी को बाप के वर्षे के अधिकारी बनाने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं चमकीली ड्रेस वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं रूहानियत में रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं प्रकाशमय काया वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं स्नेही और आकर्षणमूर्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं देहभान से परे राजयोगी फ़रिश्ता हूँ ....मैं बाप के खजाने का मालिक फ़रिश्ता हूँ ....मैं दुवाओ का फ़रिश्ता हूँ ....मैं वरदानीमूर्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं बेहद का स्मुति स्वरूप फ़रिश्ता हूँ ....मैं अशरीरी स्वत्रंत फ़रिश्ता हूँ ....मैं अलोकिक बोल और अलोकिक कर्म करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं एक दो को हा जी और सुक्रिया करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं बेपरवाह बादशाह फ़रिश्ता हूँ ...मैं हर मुश्किल को सहज करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं जहान नूर फ़रिश्ता हूँ ....मैं सर्वस्व त्यागी फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदा आज्ञाकारी फ़रिश्ता हूँ ....मैं हर संकल्प में वफादार फरिश्ता हूँ ....मैं विश्व सेवाधारी फरिश्ता हूँ ....मैं कर्मबंधन और शरीर के बन्धनों से मुक्त फ़रिश्ता हूँ .... मैं ऊपर से उतरा हुआ अवतार फ़रिश्ता हूँ .... मैं अपने फीचर्स द्वारा सेवा करनेवाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं होलीहंस फ़रिश्ता हूँ .... मैं मीठी द्रष्टि और शुभ वृति वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं न्यारा और बाप का प्यारा फ़रिश्ता हूँ .... मैं जीवनमुक्त और बंधनमुक्त फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदभावना- युक्त फ़रिश्ता हूँ .... मैं ट्रस्टी भाव रखने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं शुभ भावना और श्रेष्ठभाव धारण करने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सर्व के प्रति कल्याण की भावना वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदा स्नेह और सहयोग की देने की भावना वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदा हिम्मत और उल्लास बढ़ाने की  भावना वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं सदा सर्व के प्रति अपनेपन की भावना रखने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं सर्व के प्रति आत्मिक स्वरूप की भावना रखने वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं निरहंकारी और निरभिमानी फ़रिश्ता हूँ ... मैं क्षमास्वरूप फ़रिश्ता हूँ ....मैं उमंग उत्साह वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं एक्यूरेट पार्ट बजने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं नवयुग के आधारमूर्त नवजीवन वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं तूफानों को तोफा बनाने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं सच्चा सच्चा बिन कोडी बादशाह फ़रिश्ता हूँ .... मैं सर्व का प्यारा और प्रिय फ़रिश्ता हूँ .... मैं सर्व से संतुष्ट रहेने वाला और सर्व को संतुष्ट करने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं वरदान देने वाला फ़रिश्ता हूँ .... जो पार्ट मिला उनमे संतुष्ट रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं स्मुर्ती स्वरूप सो समर्थि स्वरूप फ़रिश्ता हूँ .... मैं परमात्मा सन्देश वाहक फ़रिश्ता हूँ .... मैं निमित्त भाव ,निर्मान भाव ,सर्व के प्रति कल्याण की श्रेष्ठ भावना रखने वाला फ़रिश्ता हूँ .... फ़रिश्ता माना सारे विश्व के एक दो के नहीं .... मैं ब्राहमण स्वरूप सो सर्व  शक्ति-स्वरूप फ़रिश्ता .... मैं सर्व के दिल पसंद अर्थार्त सर्व से लाइट फ़रिश्ता हूँ ....मैं देहभान और देहभिमान से परे फ़रिश्ता हूँ ....मैं करन करावनहार की स्मुर्ती में रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं निश्चय बुद्धि विजयी फ़रिश्ता हूँ .... मैं द्रष्टि से सुष्टि बदलने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं सदा फरिस्ते स्वरूप की स्मुर्ती में रहेने वाला और दूसरो को भी फरिस्ते स्वरूप में देखने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं यथार्त आज्ञाकरी सो दुवाओ के पात्र के फ़रिश्ता हूँ .... मैं सदा क्लीन और क्लियर बुद्धि वाला फरिश्ता हूँ .... मैं धारणा मूर्त फरिश्ता हूँ .... चाहे मेला हो या झमेला दोनों में डबल लाइट रहेने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं शुभ बोल और युक्ति युक्त बोल वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं सभी विघ्नों के प्रभाव से परे फ़रिश्ता हूँ .... मैं बाप की छत्रछाया में रहेने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं अष्ट -शक्तिधारी फ़रिश्ता हूँ .... मैं मूल्यवान बेदाग डायमंड फरिश्ता हूँ ....मैं सारे कल्प के लिए जमा करने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं सोल कोंनश्यस में रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं परमात्मा संग में रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं कंट्रोलिंग पावर वाला फरिश्ता हूँ ....मैं प्रकृति के हलचल से मुक्त प्रकृतिपति फरिश्ता हूँ .... मैं जहा हूँ जैसा हूँ एवररेडी फ़रिश्ता हूँ .... मैं अपनी विशेषता को प्रभु पसंद समजने वाला फरिश्ता हूँ .... ओडर मिला और सबकुछ छोड़ा और बाप से साथ चलने वाला फ़रिश्ता हूँ .... हम ब्रह्मा बाप की आवाज को अटेंशन से सुनने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं साक्षी और निर्भय होके देखने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं उठते बैठते सोते और कर्मयोगी के समय भी सभी बातो में आज्ञाकारी होकर रहेने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं सदा हर्षित फरिश्ता हूँ ....हम अलौकिक द्रष्टि वुर्ती और एकरस स्थिति वाला फरिश्ता हूँ .... मैं अलौकिक जीवन स्वरूप वाला फरिश्ता हूँ .... मैं बीती बातो को , बीती चलन को , व्यर्थ बातो को , व्यथ चलन को , और साधारण बोल और साधारण चलन से परे फरिश्ता हूँ ....मैं बिलकुल क्लीन और क्लियर फरिश्ता हूँ .... मैं अपने वायदों पर पक्का रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं आदि अनादी संस्कारो का स्मुर्ती स्वरूप फरिश्ता हूँ .... मैं मन और बुद्धि से स्वच्छ और साफ फरिश्ता हूँ .... मैं हर आत्मा के प्रति शुभभावना और शुभकामना यही स्वच्छ मन वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं अपकारी पर उपकार की द्रष्टि वृति रखने वाला स्वच्छ मन वाला फरिश्ता हूँ .... मैं स्वयं के प्रति वा अन्य के व्यर्थ से मुक्त माना स्वच्छ मन वाला फ़रिश्ता हूँ ....मैं मन और बुद्धि से स्पष्ट फतिष्ट हूँ .... मैं परमात्मा की श्रीमत से साकार तन को धारण करने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं सन्देश और श्रेष्ठ कर्म करने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं एक दो को फरिश्ता स्वरूप में देखने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं फरिश्तापन की  नेचर वाला नेचरल फ़रिश्ता हूँ .... मैं उमंग उल्लास में और सफलता स्वरूप फरिश्ता हूँ ....मैं बापदादा के संग के रंग में सदा रंगे रहेने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं पवित्रता सुख शांति आनन्द प्रेम ज्ञान  गुण और शक्तियों से भिन्न भिन्न हीरो के रंगों में रंगने वाला फ़रिश्ता हूँ .... मैं अमरभव् का वरदान प्राप्त करने वाला फरिश्ता हूँ .... मैं पांच स्वरूप धारी फरिश्ता हूँ .... मैं सर्व का प्यारा और प्रिय फरिश्ता हूँ ....मैं कर्मेन्द्रियो का राजा फरिश्ता हूँ .... मैं स्वराज्य अधिकारी फरिश्ता हूँ .... मैं देह से न्यारा डबल लाइट फरिश्ता हूँ ....मैं मनसा वाचा कर्मणा सबंध संस्कार संकल्प में हल्का फ़रिश्ता हूँ .... मैं संगठन में रहते हुए सभी से संस्कार मिला ने वाला फ़रिश्ता हूँ 

सूर्यवंशी देवताओं की धारणायें :-  १.     पवित्रता ...२.     अंतर्मुखता ...३.     सहनशीलता ...४.     हरषीमुखता ...५ .    सन्तुसटा ...६ .    सरलता ...७ .    न्रम्रता..८      निर्भयता ...९  .   निर्मानता...१०.  . निश्चिन्ता ...११.    निमितभाव...१२.    निस्काम्भाव ...१३.    अहिंसा ...१४.    अडोलता...१५.    गंभीरता ...१६.    अटल निश्चय ...१७.     निरहंकारिता ...१८.     परोपकारी ...१९.     मधुरता ...२०.     धैरियता ...२१.     स्वचिन्तन ...२२.     शुभ चिंतन ...२३.     उदारता ...२४.     त्याग ...२५.     तपस्या ...२६.     आज्ञाकारी ...२७.     सत्यता ...२८.     अन्दर बहार से सफाई ...२९.     समय का कदर  करना ...३०.     क्लास  की कदर करना ...३१.     निंदा स्तुति में समान रहेना ...३२.     इर्षा भाव न रखना ...३३.     फरिस्ता  होकर चलना ...३४.     किसी से बहश न करना ...३५.     दोनों के बिच में न बोलना ...३६.     भ्रह्मचारी  हो चलना ...३७.     एक दुसरे को सहयोग  देना ...३८.     ऊँचे आवाज में न बोलना ...३९.    विचार सागर मंथन करना ...४०.     संगठन बनाकर चलना ...४१.     दैवी परिवार से अति स्नेह रखना ...४२.     दिल की बात दिलावर से कहेना ...४३.     याद और सेवा का बैलेंस रखना ...४४.     क्लास में योग की कदर करना ...४५.     यज्ञ की सेवा प्यार से करना ...४६.     युक्तियुक्त , ज्ञानयुक्त और योगयुक्त होकर रहेना ...४७.     मुरली सुनने  या पढ़ने में कभी बहाना न करना ...४८.    मनसा ,वाचा ,कर्मणा यज्ञ का होकर रहेना ... ४९.    दिखने के लिए  कोई काम या योग में न बेठना ...५०.    अलोकिक सेवा के बिना आराम हराम समजना...५१.    अचल, अडोल, अटल,एकरस और सथेरियम रहेना...५२.    किसी का अवगुण चित पर नहीं लेना ...५३.    किसी से कोइ  काम रोब से नहीं करना ...५४.    अपनी सद्गति का पूरा ख्याल करना

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