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Sunday, July 7, 2013

नैतिक शिक्षा का महत्व

राजसमन्द। आज हम विकसित देशों की श्रेणी में खड़े होने का भरपूर प्रयास कर रहे है। इसमें सफलता भी मिल रही है लेकिन समाज में फैल रही दुर्भावनाएं और हिंसा चिंता का सबब बनती जा रही है इसके लिए जरूरी है कि व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक आंतरिक चेतना के विकास को महत्व दिया जाए। 
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने गांधी सेवा सदन, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय और विवेकानंद राउप्रावि सूरजपोल के विद्यार्थियों के समक्ष जीवन में नैतिक शिक्षा का महत्व प्रतिपादित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
राजयोगी भगवाई भाई ने कहा कि समाज, देश व विश्व की स्थिति के बारे में सभी को अच्छी तरह से मालूम है। केवल भौतिक विकास से हमारा सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। नैतिक विकास से समाज और परिवार में मूल्य विकसित होते है। इससे ही परिवारिक सामाजिक और वैश्विक स्तर पर सम्पूर्ण रूप से विकसित हो सकेंगे। हम अपनी आतंरिक शक्तियों को जागृत करेंगे उतना युवाओं सशक्तिकरण आएगा। भगवाई भाई ने कहा कि बच्चों का दिल सच्चा होता है उन्हें श्रेष्ठ संग द्वारा जीवन को सदाकाल के लिए ऐसा ही सच्चा और मूल्यनिष्ठ बनाने का ध्यान रखना चाहिए। स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग केन्द्र की बीके पूनम बहन ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्य एवं चरित्र का आधार का स्त्रोत आध्यात्मिकता है। इससे ही युवाओं का सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक चिंतन शुद्ध भोजन, अच्छा संग युवाओं को सशक्त बना सकता है। इस अवसर पर बीके गौरी ने भी विचार व्यक्त किए।

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