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Sunday, July 7, 2013

आपको चाहिए कि यहां से निकलकर आप बैर भाव के चलते बदला लेने जैसा अपराध न करें


भास्कर संवाददाता-!-अंबाह
‘यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है, यहां आपको सुधरने के लिए भेजा है।

आपको चाहिए कि यहां से निकलकर आप बैर भाव के चलते बदला लेने जैसा अपराध न करें, बल्कि बदलकर सामाजिक हो जाएं’ यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने उप जेल अंबाह में कैदियों को संबोधित करते हुए कही।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को स्थानीय जेल में संस्कार परिवर्तन व व्यवहार शुद्धि विषय पर कैदियों के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। भगवान भाई ने कहा कि सभी कैदी भाई खुद को बदलने के लिए यह सोचे कि आखिर वे इस संसार में अपराध करने या अपराधी बनने आए थे? क्या मेरे जीवन का उद्देश्य अपराधी बनना था? अगर इन बातों का जवाब आपको ‘न’ के रूप में प्राप्त हो तो समझ लीजिए कि आपको बदलना है। कार्यक्रम में कैदियों के अलावा स्थानीय प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सदस्य, जेल कर्मी व शहर के समाजसेवी भी उपस्थित रहे।

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