चौतारा(नेपाल)---जिला जेल में अपराधमुक्त जीवन
हेतु सकारात्मक चिन्तन विषय पर प्रोग्राम
आयोजक–स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र चौतारा (नेपाल )
मुख्य वक्ता ---ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट
आबू
विषय-- अपराधमुक्त जीवन हेतु सकारात्मक चिन्तन
जेलर –टिका ढहाल
सुरक्षा अधिकारी –अर्जुन बहादुर खड़का
बी के हर्ष
भाई , बी के रामकृष्ण भी उपस्थित
थे
कार्यक्रम के अंत में राजयोग का अभ्यास कराया
गया
माउंट
आबू से
आये हुए
भगवान् भाई
ने कहा
कि जो
जैसा करता
है वैसा
फल पाता
है। उन्होंने
बताया कि
हमारे मन
में पैदा
होने वाले
विचार कर्म
से पहले
आते हैं।
यह हमारे
विचार ही
तो हैं
कि किसी
के लिए
प्यार की
भावना होती
है, किसी के
लिए नफरत
की भावना
होती है।
यदि आप
किसी व्यक्ति
से अच्छा
व्यवहार चाहते
हैं और
उसे बदलना
चाहते हैं, तो
उसे दुआएं
दो उसके
प्रति अच्छा
सोचें, तो वह
भी आपको
दुआ देगा।
यदि आपके
अन्दर किसी
के प्रति
नफरत है
और आप
उसके प्रति
बुरा चाहते
हैं तो
वह आदमी
भी आपके
बारे में
बुरा सोचेगा
तथा आपसे
नफरत करेगा।
जो दूसरों
को दुख
देता है
उसे कभी
सुख नही
मिलता तथा
जो दुसरों
को सुख
देता है
उसे सदैव
सुख मिलता
है। उन्होंने
बन्दियों को
बताया कि
बीती बात
को भुला
देना चाहिए
तथा आगे
की सोचनी
चाहिए कि
हे परमात्मा
मेरे से
कोई बुरा
कार्य न
हो। गलती
करने वाले
से माफ करने वाला
बडा होता
है। बदला
लेने वाला
दूसरों को
दुख देने
से पहले
अपने आप
को दुख
देता है।
सभी इंसान
ईश्वर की
संतान है
तथा सभी
एक महान
आत्मा है, सभी
संसार में
अपना-अपना कर्तव्य
करने के
लिए आते
हैं। अत: प्रत्येक
व्यक्ति को
यही सोचना
चाहिए कि
मुझे अच्छे
कर्म करने
के लिए
संसार में
जन्म लिया
है, न कि
बुरे कर्म
करने के
लिए। अत: हमें
सदैव अच्छे
कर्म करने
चाहिए। आज
से 15 दिन इस
बात का
व्रत लो
कि हे
भगवान मुझे
शक्ति दो, कि
मैं किसी
को दुख
न दूं, तो
आपके मन
में अपने
आप बदलाव
आने लगेगा।
बी
के रामकृष्ण जी ने
बताया कि
मनुष्य ने
विषय वासनाओं
की चादर
ओढ़ी हुई
है जो
भगवान से
वेमुख कर
देती है।
अगर भगवान
से सर्व
सम्बन्धों से
याद किया
जाए तो
भगवान की
शक्ति आ
जाएगी और
तन-मन में
खुशी शान्ति
आ जाएगी
व सर्व
मनोकामनाएं पूर्ण
हो जाएगी।
जेलर –टिका ढहाल ने अपने
सम्बोधन में
बन्दियों को
बताया कि
आप जैसा
सोचोगे वैसा
ही बन
जाओगे। अत: हमें
सदैव अच्छा
सोचना चाहिए
तथा बुरी
आदत को
छोड़ देना
चाहिए। माउन्ट
आबू के
बी के
पुरुषोत्तम जी
ने बताया
कि बताई
बातों को
अपने जीवन
में प्रयोग
करोगे तो
अवश्य ही
आप बुरी
आदतों को
छोड दोगे
तथा अपने
आप अच्छा
सोचने लगेंगे
और जेल
से छुटने
के बाद
अच्छे नागरिक
की तरह
जीवन यापन
करेंगे। अंत में
उन्होंने ब्रह्माकुमारीज सस्था
ऐसे कार्यक्रमों
के लिए धन्यवाद
किया
सभी
को कैदियों
को साहित्य
भी दिया
अंत में
मेडिटेशन भी
करवाया
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