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Monday, October 8, 2018

चौतारा (नेपाल )---ज्ञान मंदिर नमूना माध्यमिक विद्यालय में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर प्रोग्राम


चौतारा  (नेपाल )---ज्ञान मंदिर नमूना माध्यमिक विद्यालय  में  नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर प्रोग्राम 
आयोजकस्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र चौतारा (नेपाल )
मुख्य वक्ता ---ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय-- नैतिक शिक्षा का महत्व
प्रिंसिपल ---यज्ञ प्रसाद दगल
बी के आशा   बहन प्रभारी चौतारा  (नेपाल )
बी के हर्ष  भाई , बी के नीलम , बी के रामकृष्ण  भी उपस्थित थे   
कार्यक्रम के अंत में राजयोग का अभ्यास कराया गया
माउंट आबू से आये हुए बी के भगवान् भाई ने कहा बच्चो  के विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी जरूरी है। हर मनुष्य को जीवन मूल्यों की रक्षा करना चाहिए। इन मूल्यों की रक्षा करने वाला अमर बन जाता है।
भगवान  भाई  कहा कि समाज में व्यक्ति दो चीजों से पहचाना जाता है | पहला ज्ञान और दूसरा उसका नैतिक व्यवहार | व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए यह दोनों ही अति आवश्यक है | अगर ज्ञान सफलता की चाबी है तो नैतिकता सफलता की सीढ़ी | एक के अभाव में दूसरें का पतन निश्चित है | नैतिकता के कारण ही विश्वास में दृढ़ता और समझ में प्रखरता आती है |
उन्होंने कहा की नैतिक शिक्षा  गुणों का विकास करती है | बच्चों को संस्कारों से जोड़ती है | उन्हें उनके कर्तव्यों का ज्ञान कराती है | परिवार, समाज, समूह के नैतिक मूल्यों को स्वीकारना तथा सामाजिक रीतिरिवाजों, परम्पराओं धर्मों का पालन करना सिखाती है 
भगवान  भाई ने कहा कि  नैतिक शिक्षा वह शिक्षा है जो हमें बड़ों का आदर करना, सुबह जल्दी उठाना, सत्य बोलना, चोरी करना, मातापिता के चरणस्पर्श करना तथा अपराधिक प्रवृतियों से दूर रहना सिखाती है उन्होंने  कहा कि बचपन से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने से उन्हें भलेबुरे, उचितअनुचित का ज्ञान हो जाता है | वह समझने लगता है कि कौन सा व्यवहार सामाजिक है और कौन सा व्यवहार असामाजिक | किन व्यवहारों को करने से समाज में प्रतिष्ठा, प्रंशसा एवं लोकप्रियता मिलती है और किससे नहीं |
प्रिंसिपल ---यज्ञ प्रसाद दगल जी ने कहा कि नैतिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति के विकास में उतना ही आवश्यक है जितना कि स्कूली शिक्षा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक आत्मबल प्रदान करता है।
बी के आशा बहन जी   ने ब्रह्माकुमारी विद्यालय का  दिया
अंत में भगवान  भाई ने मेडिटेशन भी कराया

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