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Monday, October 8, 2018

जिरी (नेपाल )---सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक


जिरी (नेपाल )---सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे  नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति पर सन्देश दिया   
आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारी  सेवाकेंद्र जिरी (नेपाल )---
मुख्य वक्ता ---ब्रह्मकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय—नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति
सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) के 
रेडिओ सवादाता  ----अनिषा पौडेल  
बी के दीपक   भाई  जिरी नेपाल  
बी के भगवान भाई ने सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति पर सन्देश देते हुए कहा की वर्तमान में समाज के जो भी समस्या है उसका मूल कारण जीवन में नैतिक मूल्यों की कमी जिस कारण नकारत्मक सोच मन में चलते है | नकारत्मक सोच के कारण  बीमारिया बढती जा रही है | आपसी सम्बन्ध बिघडते जा रहे है | व्यसन ,नशा , ड्रग्स बढ़ते जा रहे है | आपराध बढ़ रहे  है| इसलिए वर्तमान में अपने सोच बदलने के लिए आध्यात्मिकता का सहारा लेने की आवश्यकता है | वर्तमान में स्वयं परमपिता परमात्मा ब्रह्मकुमारिज द्वारा स्वयं का परिचय ,संसार चक्र का ज्ञान , वर्तमान समय की पहचान दे रहे है |
 भगवान भाई ने कहा कि हमारी आदि सनातन संस्कृति दैवी संस्कृति है जिसका प्रभाव समूचे जगत में हो रहा है लेकिन दुर्भाग्यवष भौतिकवाद के दौर में आध्यात्मिक विरासत लुप्त होती जा रही है। ऐसे अवमूल्यन के समय में सकारात्मक विचार, गुणाजिरी (नेपाल )---सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे  नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति पर सन्देश दिया   

आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारी  सेवाकेंद्र जिरी (नेपाल )---
मुख्य वक्ता ---ब्रह्मकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय—नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति
सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) के 
रेडिओ सवादाता  ----अनिषा पौडेल  
बी के दीपक   भाई  जिरी नेपाल  
बी के भगवान भाई ने सामुदायिक  रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से तनाव मुक्ति पर सन्देश देते हुए कहा की वर्तमान में समाज के जो भी समस्या है उसका मूल कारण जीवन में नैतिक मूल्यों की कमी जिस कारण नकारत्मक सोच मन में चलते है | नकारत्मक सोच के कारण  बीमारिया बढती जा रही है | आपसी सम्बन्ध बिघडते जा रहे है | व्यसन ,नशा , ड्रग्स बढ़ते जा रहे है | आपराध बढ़ रहे  है| इसलिए वर्तमान में अपने सोच बदलने के लिए आध्यात्मिकता का सहारा लेने की आवश्यकता है | वर्तमान में स्वयं परमपिता परमात्मा ब्रह्मकुमारिज द्वारा स्वयं का परिचय ,संसार चक्र का ज्ञान , वर्तमान समय की पहचान दे रहे है |

 भगवान भाई ने कहा कि हमारी आदि सनातन संस्कृति दैवी संस्कृति है जिसका प्रभाव समूचे जगत में हो रहा है लेकिन दुर्भाग्यवष भौतिकवाद के दौर में आध्यात्मिक विरासत लुप्त होती जा रही है। ऐसे अवमूल्यन के समय में सकारात्मक विचार, गुणात्मक षैली और समाज के लिए समर्पण और सेवा भावना की आवष्यकता है। इसके आधार पर ही संस्कारों का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कारों का समाज और परिवार सर्वाधिक महत्व है क्योंकि हम सब के मन में कहीं न कहीं यह भाव रहता है कि दुख और बुराइयाेंं से घिरी हुई इस दुनिया में परिवर्तन होना ही चाहिए।त्मक षैली और समाज के लिए समर्पण और सेवा भावना की आवष्यकता है। इसके आधार पर ही संस्कारों का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कारों का समाज और परिवार सर्वाधिक महत्व है क्योंकि हम सब के मन में कहीं न कहीं यह भाव रहता है कि दुख और बुराइयाेंं से घिरी हुई इस दुनिया में परिवर्तन होना ही चाहिए।

जिरी ( नेपाल )—स्थानीय ब्रह्माकुंमारी राजयोग सेवाकेंद्र पर तनाव मुक्त सकारात्मक जीवन शैली


जिरी ( नेपाल )स्थानीय ब्रह्माकुंमारी राजयोग सेवाकेंद्र पर तनाव मुक्त सकारात्मक जीवन शैली विषय पर  कार्यक्रम   
आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारी  सेवाकेंद्र जिरी ( नेपाल )
मुख्य वक्ता ---ब्रह्मकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय –- तनाव मुक्त सकारात्मक जीवन शैली
नगरपालिका प्रमुख ---टंक बहादुर    
उप मेयर ---कृष्णा खड़का
व्यापारी संघ के अध्यक्ष –गोलू थोपी
समाजसेवी ---पानी थिरु
बी के संतोष बहन स्थानीय सेवाकेंद्र जिरी प्रभारी
बी के सीता बहन मंथली सेवाकेंद्र प्रभारी
बी के दीपक भाई जिरी सेवाकेंद्र नेपाल   
बी के रामकृष्ण भाई काठमांडू 
सभी शिक्षक स्टाफ भी उपस्थित थे
कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन कराया
इस अवसर पर बी के भगवान् भाई ने कहा कि  जीवन में दो प्रकार के चिंतन होते हैं जिनमें सकारात्मक और नकारात्मक चिंतन शामिल हैं। इनमें से मनुष्य को केवल सकारात्मक चिंतन करने की आवश्यकता होती है तथा इसी से मनुष्य खुशहाल जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे विचार शुद्ध, स्पष्ट, आशावादी और परोपकारी होने चाहिए तथा यही जीवन का मूलमंत्र है। इस अवसर पर बहन नवीना ने राजयोग के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राजयोग का मतलब शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रहना है। उन्होंने कहा कि जीवन का लक्ष्य आत्मा को परमपिता परमात्मा से जोडऩा है। लेकिन आज हमारे अंदर शांति, सहनशीलता तथा भाईचारे की भावना बिल्कुल नहीं है। आज हम खुशी को घर से बाहर ढूंढने का प्रयास करते हैं जो सही नहीं है। इसलिए हमें सबसे पहले अपने अंदर झांककर अपने आप को जानना चाहिए।
भगवान् भाई ने कहा कि  तनाव से मुक्त जीवन एक कल्पना मात्र है, फिर भी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए बहुत कुछ हद तक इसका होना अत्यन्त आवश्यक है। जब तनाव एक सीमा पार कर जाता है, तब हमारा मानसिक सन्तुलन बिगड़ सकता है और इसका असर शरीर पर भी पड़ता है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, कई प्रकार के मनोरोग जैसे-चिन्ता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, पैनिक, डिसऑर्डर आदि के पीछे मुख्य कारण मानसिक तनाव है।

नगरपालिका प्रमुख ---टंक बहादुर    जी ने बताया कि निरन्तर तनावग्रस्त बने रहना जीवन में हानिकारक है। चूँकि जीवन-उद्देश्य आपके सामने है, तनावग्रस्त से दूर रहना ही आपके लिए श्रेष्ठतर होगा। अतः आप तनाव के बहुत से कारकों से बचें, जो आप आसानी से कर सकते हैं और साथ में ये भी।
बी के सीता बहन जी ने भी उद्बोधन दिया
बी के संतोष  बहन जी ने ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय दिया
बी के दीपक भाई  जी ने आभार व्यक्त किया