कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) ----में महाशिवरात्रि निमित शिव ध्वज फेरया शिवरात्रि धूम धाम से मनाई
आयोजक –ब्रह्माकुमारीज कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
मुख्य वक्ता --बी के भगवान् भाई माउंट आबू
विषय – महाशिवरात्रि निमित शिवरात्रि का रहस्य और शिव ध्वज फेरया
बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक (पश्चिम बंगाल)
अतिथि ----विश्व राय चौधरी पूर्व सांसद कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
शिव कुमार घोष ----कमांडेंड केंद्रीय रिजर्व पोलिस फाॅर्स
देवप्रसाद नंदी -----यूनायटेड बैंक ऑफ़ इंडिया मैनेजर
विश्वनाथ चक्रवर्ती ----प्रधान कोला गांव
श्रीमती सुषमा जैन शिक्षा ब्लॉक अधिकारी कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
बी के रत्न बहन कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
मोमबत्ती जलाई सभी ने बुराई से ,विकारो से नशा से परचिंतन से मुक्त रहने की प्रतिज्ञा भी किया
महा शिवरात्रि परमात्मा के अवतरण दिवस की यादगार है : --ब्रह्माकुमार भगवान भाई
माउंट आबू से पधारे हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने 81 वें महाशिवरात्रि के अवसर कहा कि शिवरात्रि महापर्व उस परम श्रद्धेय जगत पिता शिव परमात्मा के अवतरण दिवस की यादगार है|
उन्होंने ने कहा कि आज की दुखी व अशान्त आत्माओं को पुनः सर्व शक्तिमान परमात्मा से शक्तियां प्राप्त करने तथा वरदान, सानिध्य व संरक्षता प्राप्त कर सकते हैं।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बताया कि शिवरात्रि का पर्व ही हीरे तुल्य जयंती है। यदि इंसान वर्तमान समय में इस विश्व के रक्षक निराकार विश्व परमात्मा जो सारे विश्व के परम पिता है, उनके स्वरूप को पहचान लें और अपने मन की डोर उस प्रभु से जोड़ना शुरू कर दे तो उसके जीवन में सफलताओं का अम्बार लग जायेगा और उसका जीवन सफल हो जायेगा।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि भगवान भावना के भूखे हैं। सच यह है कि शिव ने ही पूर्व काल में रामराज्य स्थापित किया था जो महात्मागांधी चाहते थे। भारत को हीरे तुल्य बनाने वाला ज्ञान दर्शन का राजयोग प्रसिद्ध है। वर्तमान समय वही चल रहा है चाहे वह हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई हो, सबका मालिक शिव परमात्मा एक वरदानों से झोली भरने आ चुके हैं।
उन्होंने ने कहा कि हम सब शिव कि संतान है। शिव बाबा ने हमें जगाया है और अपना बनाया है। इसलिए जीवन से बुराइयों को समाप्त करने लिए परमात्मा से ध्यान करने की जरूरत है। कहा कि शिवरात्रि का पर्व विकारों पर विजय प्राप्त करने का पर्व है। यह तभी संभव होगा जब हम परमात्मा के उपर अपनी बुराइयों को अर्पण करे।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा की देवात्मा हो महात्मा हो सबके जन्म दिन को जन्म दिन ही कहते हैं। लेकिन परमात्मा शिव के जन्म को अवतरण दिवस के रु प में शिवरात्रि कहा जाता है। क्योंकि परमात्मा शिव जब आते हैं तब सारे संसार में पापाचार भ्रष्टाचार अनाचार का बोलबाला होता है। इसी अज्ञान अंधकार को समाप्त करके ज्ञान का प्रकाश देने के लिए परमात्मा शिव का अवतरण कटपांत के अंत समय कलियुग का अंत करके सतयुग की स्थापना करने के लिए होता है।
उन्होंने कहा कि भारत मे अमरनाथ ,विश्वनाथ, वैद्यनाथ ,केदारनाथ
महाकालेश्वर,गोपेश्वर,रामेश्वर,पशुपतिनाथ आदि नामों से भगवान शिव की पूजा की जाती है।माहशिवरात्रि के पर्व को भक्त गण भाँति-भाँति से और बड़ी ही श्रद्धा से मनाते हैं , कुछ लोग निर्जला ब्रत रहते हैं,तो कुछ लोग फलाहार रहतें हैं बहुत से लोग भजन- कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण भी करते हैं।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई महाशिवरात्रि के दिन भक्त गण अपनी-अपनी क्षमता/व्यवस्था/मनोकामना के अनुसार अलग -अलग चीजों से शिव की आराधना शिवलिंग पर अभिषेक करके करते हैं। परन्तु शिवरात्रि एवं शिव के बारे में जानकारी से मनुष्यात्माएं अपरिचित हैं शिव के बारे में जानकारी का सर्वथा अभाव है। महाशिवरात्रि क्यों मनायी जाती है ,शिव ने क्या किया था इसके बारे में अनभिज्ञ हैं।
उन्होंने बतया कि भगवान शिव का अवतरण कलयुग की समाप्ति से थोड़ा पहले होता है, दुनिया घोर अंधकार (अज्ञान की रात्रि) में डूबी हुई रहती हैं , इस लिए परमात्मा के अवतरण की स्मृति में यह शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक (पश्चिम बंगाल) जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि यह शिवरात्रि का पर्व हम अमावस्या के एक दिन पहले यानि घोर अंधकार की समाप्ति से पहले ,नये साल के शुरू होने के एक माह पहले मनाते है। शिवरात्रि के दिन कुछ लोग रात्रि जागरण करते हैं, रात्रि जागरण का अर्थ एक रात्रि को जागरण करने से नही है यह तो घोर अज्ञान की अंधियारी रात्रि से जागृत होने की बात है।
उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव एक बुजुर्ग एवं अनुभवी तन का सहारा लेकर इस पृथ्वी पर कलयुग की समाप्ति से थोड़े समय पहले अवतरित होते हैं और उनका नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते हैं । इन्ही प्रजापिता ब्रह्मा के मुख का उपयोग करके परमात्मा शिव हम बच्चों को गीता ज्ञान देतें हैं और भव सागर से पार कराते हैं। और इसी स्मृति में हम बच्चे महाशिवरात्रि का पर्व मानते हैं। परमात्मा शिव इस धारा पर विविध कर्तव्य/कर्म हम बच्चों के कल्याण के लिए करके जाते हैं, हम बच्चे परमात्मा के कर्तव्यों को ही याद करके उनको अलग -अलग नामो से पुकारते हैं ,और याद करते हैं।
बी के अल्पना बहन जी ने कहा कि जैसे परमात्मा हमे ज्ञान अमृत पिलाते हैं ,इस लिए हम बच्चे उन्हें सोमनाथ के नाम से याद करते हैं, हमे मृत्यु के भय से छुटकारा दिलाते हैं, इस लिए हम उन्हें महाकालेश्वर के नाम से याद करते हैं, राम के भी जो ईश्वर हैं उन्हें हम बच्चे रामेश्वर के नाम से याद करते हैं,दुखों के काटों से छुड़ाते हैं इस लिए हम बच्चे उन्हें बबुलनाथ के नाम से याद करते हैं , । हमे भवरोगों से मुक्ति दिलाते हैं इस कारण हम बच्चे उन्हें बाबा वैद्यनाथ के नाम से याद करते हैं।
बी के रत्न बहन कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) जी ने कहा कि इस प्रकार हम बच्चे अलग-अलग नामो से परमात्मा को याद करते हैं। शिवरात्रि के पर्व को हम परमात्मा और आत्मा के मिलन के रूप में भी मना सकते हैं, क्यों कि परमात्मा इस धारा पर अपने बच्चों से मिलने के लिए ही अवतरित होता है ।
उन्होंने कहा कि इस शिवरात्रि के पर्व को हम साजन और सजनियो के मिलन के पर्व के रूप में भी मना सकते हैं ,क्योंकि परमात्मा (शिव) हम आत्माओं (पार्वतियों ) का साजन भी है । परमात्मा को हम किसी भी रूप में याद कर सकते हैं, कोई भी सम्बन्ध जोड़ सकते हैं ,मीरा ने प्रियतम का सम्बंध जोड़ा तो यशोदा ने पुत्र का,सुदामा ने मित्र का सम्बन्ध और सबका कल्याण हुआ।
बी के रत्न बहनजी ने कहा कि शिव से अपने सम्बन्ध को जोड़ना और अपने आप को शिव के ऊपर बलिहार जाना हम शिव जी (परमात्मा) से अपनी श्रद्धा के अनुसार जो चाहे सम्बन्ध जोड़ सकते हैं । आइये हम परमपिता परमात्मा शिव के ऊपर बलिहार जाय और धन, संपत्ति, सबकुछ परमात्मा को समर्पित करके ट्रस्टी बन कर जीवन जीये ,और अपने विकारों (काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार,)को परमात्मा शिव के ऊपर चढ़ाकर सर्वदा दुःखों से मुक्त हो जायँ ,और परमात्म प्यार के नशे में खो जायँ ( जिसके प्रतीक के रूप में हम शिवरात्रि के दिन भाँग का नशा करते हैं शिव का प्रसाद समझकर) क्योंकि हमारे पास जो कुछ भी है, वह सब परमात्मा का ही दिया हुआ है हमारा कुछ भी नही है
अतिथि ----विश्व राय चौधरी पूर्व सांसद कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) अपना उद्बोधन देते हुए कहा ब्रह्माकुमारी सस्था वर्तमान में ऐसे आध्यत्मिक कार्यक्रम से लोगो में सकारात्मक जागृति कर जीवन में आशावादी बनाने का बहुत बड़ा कार्य क्रर रही है
शिव कुमार घोष ----कमांडेंड केंद्रीय रिजर्व पोलिस फाॅर्स जी ने अपन उधबोधन देते हुए कहा कि मै भारत में जहा जहा सर्विस लिए गया इस सस्था के कार्य को नजदीक से देखा है यह कार्य भगवान् का चल मेरा विश्वास है
श्रीमती सुषमा जैन शिक्षा ब्लॉक अधिकारी कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) जी जीवन यात्रा में सकारत्मक सोच से बहुत सरे विघ्नो से बच सकते है
इस अवसर पर शिव का झंडा लहराया मोमबत्ती जलाया गीत भी गाये में प्रसाद वितरण क्र कार्यक्रम सम्पन्न हुआ
आयोजक –ब्रह्माकुमारीज कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
मुख्य वक्ता --बी के भगवान् भाई माउंट आबू
विषय – महाशिवरात्रि निमित शिवरात्रि का रहस्य और शिव ध्वज फेरया
बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक (पश्चिम बंगाल)
अतिथि ----विश्व राय चौधरी पूर्व सांसद कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
शिव कुमार घोष ----कमांडेंड केंद्रीय रिजर्व पोलिस फाॅर्स
देवप्रसाद नंदी -----यूनायटेड बैंक ऑफ़ इंडिया मैनेजर
विश्वनाथ चक्रवर्ती ----प्रधान कोला गांव
श्रीमती सुषमा जैन शिक्षा ब्लॉक अधिकारी कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
बी के रत्न बहन कोलाघाट (पश्चिम बंगाल)
मोमबत्ती जलाई सभी ने बुराई से ,विकारो से नशा से परचिंतन से मुक्त रहने की प्रतिज्ञा भी किया
महा शिवरात्रि परमात्मा के अवतरण दिवस की यादगार है : --ब्रह्माकुमार भगवान भाई
माउंट आबू से पधारे हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने 81 वें महाशिवरात्रि के अवसर कहा कि शिवरात्रि महापर्व उस परम श्रद्धेय जगत पिता शिव परमात्मा के अवतरण दिवस की यादगार है|
उन्होंने ने कहा कि आज की दुखी व अशान्त आत्माओं को पुनः सर्व शक्तिमान परमात्मा से शक्तियां प्राप्त करने तथा वरदान, सानिध्य व संरक्षता प्राप्त कर सकते हैं।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बताया कि शिवरात्रि का पर्व ही हीरे तुल्य जयंती है। यदि इंसान वर्तमान समय में इस विश्व के रक्षक निराकार विश्व परमात्मा जो सारे विश्व के परम पिता है, उनके स्वरूप को पहचान लें और अपने मन की डोर उस प्रभु से जोड़ना शुरू कर दे तो उसके जीवन में सफलताओं का अम्बार लग जायेगा और उसका जीवन सफल हो जायेगा।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि भगवान भावना के भूखे हैं। सच यह है कि शिव ने ही पूर्व काल में रामराज्य स्थापित किया था जो महात्मागांधी चाहते थे। भारत को हीरे तुल्य बनाने वाला ज्ञान दर्शन का राजयोग प्रसिद्ध है। वर्तमान समय वही चल रहा है चाहे वह हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई हो, सबका मालिक शिव परमात्मा एक वरदानों से झोली भरने आ चुके हैं।
उन्होंने ने कहा कि हम सब शिव कि संतान है। शिव बाबा ने हमें जगाया है और अपना बनाया है। इसलिए जीवन से बुराइयों को समाप्त करने लिए परमात्मा से ध्यान करने की जरूरत है। कहा कि शिवरात्रि का पर्व विकारों पर विजय प्राप्त करने का पर्व है। यह तभी संभव होगा जब हम परमात्मा के उपर अपनी बुराइयों को अर्पण करे।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा की देवात्मा हो महात्मा हो सबके जन्म दिन को जन्म दिन ही कहते हैं। लेकिन परमात्मा शिव के जन्म को अवतरण दिवस के रु प में शिवरात्रि कहा जाता है। क्योंकि परमात्मा शिव जब आते हैं तब सारे संसार में पापाचार भ्रष्टाचार अनाचार का बोलबाला होता है। इसी अज्ञान अंधकार को समाप्त करके ज्ञान का प्रकाश देने के लिए परमात्मा शिव का अवतरण कटपांत के अंत समय कलियुग का अंत करके सतयुग की स्थापना करने के लिए होता है।
उन्होंने कहा कि भारत मे अमरनाथ ,विश्वनाथ, वैद्यनाथ ,केदारनाथ
महाकालेश्वर,गोपेश्वर,रामेश्वर,पशुपतिनाथ आदि नामों से भगवान शिव की पूजा की जाती है।माहशिवरात्रि के पर्व को भक्त गण भाँति-भाँति से और बड़ी ही श्रद्धा से मनाते हैं , कुछ लोग निर्जला ब्रत रहते हैं,तो कुछ लोग फलाहार रहतें हैं बहुत से लोग भजन- कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण भी करते हैं।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई महाशिवरात्रि के दिन भक्त गण अपनी-अपनी क्षमता/व्यवस्था/मनोकामना के अनुसार अलग -अलग चीजों से शिव की आराधना शिवलिंग पर अभिषेक करके करते हैं। परन्तु शिवरात्रि एवं शिव के बारे में जानकारी से मनुष्यात्माएं अपरिचित हैं शिव के बारे में जानकारी का सर्वथा अभाव है। महाशिवरात्रि क्यों मनायी जाती है ,शिव ने क्या किया था इसके बारे में अनभिज्ञ हैं।
उन्होंने बतया कि भगवान शिव का अवतरण कलयुग की समाप्ति से थोड़ा पहले होता है, दुनिया घोर अंधकार (अज्ञान की रात्रि) में डूबी हुई रहती हैं , इस लिए परमात्मा के अवतरण की स्मृति में यह शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक (पश्चिम बंगाल) जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि यह शिवरात्रि का पर्व हम अमावस्या के एक दिन पहले यानि घोर अंधकार की समाप्ति से पहले ,नये साल के शुरू होने के एक माह पहले मनाते है। शिवरात्रि के दिन कुछ लोग रात्रि जागरण करते हैं, रात्रि जागरण का अर्थ एक रात्रि को जागरण करने से नही है यह तो घोर अज्ञान की अंधियारी रात्रि से जागृत होने की बात है।
उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव एक बुजुर्ग एवं अनुभवी तन का सहारा लेकर इस पृथ्वी पर कलयुग की समाप्ति से थोड़े समय पहले अवतरित होते हैं और उनका नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते हैं । इन्ही प्रजापिता ब्रह्मा के मुख का उपयोग करके परमात्मा शिव हम बच्चों को गीता ज्ञान देतें हैं और भव सागर से पार कराते हैं। और इसी स्मृति में हम बच्चे महाशिवरात्रि का पर्व मानते हैं। परमात्मा शिव इस धारा पर विविध कर्तव्य/कर्म हम बच्चों के कल्याण के लिए करके जाते हैं, हम बच्चे परमात्मा के कर्तव्यों को ही याद करके उनको अलग -अलग नामो से पुकारते हैं ,और याद करते हैं।
बी के अल्पना बहन जी ने कहा कि जैसे परमात्मा हमे ज्ञान अमृत पिलाते हैं ,इस लिए हम बच्चे उन्हें सोमनाथ के नाम से याद करते हैं, हमे मृत्यु के भय से छुटकारा दिलाते हैं, इस लिए हम उन्हें महाकालेश्वर के नाम से याद करते हैं, राम के भी जो ईश्वर हैं उन्हें हम बच्चे रामेश्वर के नाम से याद करते हैं,दुखों के काटों से छुड़ाते हैं इस लिए हम बच्चे उन्हें बबुलनाथ के नाम से याद करते हैं , । हमे भवरोगों से मुक्ति दिलाते हैं इस कारण हम बच्चे उन्हें बाबा वैद्यनाथ के नाम से याद करते हैं।
बी के रत्न बहन कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) जी ने कहा कि इस प्रकार हम बच्चे अलग-अलग नामो से परमात्मा को याद करते हैं। शिवरात्रि के पर्व को हम परमात्मा और आत्मा के मिलन के रूप में भी मना सकते हैं, क्यों कि परमात्मा इस धारा पर अपने बच्चों से मिलने के लिए ही अवतरित होता है ।
उन्होंने कहा कि इस शिवरात्रि के पर्व को हम साजन और सजनियो के मिलन के पर्व के रूप में भी मना सकते हैं ,क्योंकि परमात्मा (शिव) हम आत्माओं (पार्वतियों ) का साजन भी है । परमात्मा को हम किसी भी रूप में याद कर सकते हैं, कोई भी सम्बन्ध जोड़ सकते हैं ,मीरा ने प्रियतम का सम्बंध जोड़ा तो यशोदा ने पुत्र का,सुदामा ने मित्र का सम्बन्ध और सबका कल्याण हुआ।
बी के रत्न बहनजी ने कहा कि शिव से अपने सम्बन्ध को जोड़ना और अपने आप को शिव के ऊपर बलिहार जाना हम शिव जी (परमात्मा) से अपनी श्रद्धा के अनुसार जो चाहे सम्बन्ध जोड़ सकते हैं । आइये हम परमपिता परमात्मा शिव के ऊपर बलिहार जाय और धन, संपत्ति, सबकुछ परमात्मा को समर्पित करके ट्रस्टी बन कर जीवन जीये ,और अपने विकारों (काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार,)को परमात्मा शिव के ऊपर चढ़ाकर सर्वदा दुःखों से मुक्त हो जायँ ,और परमात्म प्यार के नशे में खो जायँ ( जिसके प्रतीक के रूप में हम शिवरात्रि के दिन भाँग का नशा करते हैं शिव का प्रसाद समझकर) क्योंकि हमारे पास जो कुछ भी है, वह सब परमात्मा का ही दिया हुआ है हमारा कुछ भी नही है
अतिथि ----विश्व राय चौधरी पूर्व सांसद कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) अपना उद्बोधन देते हुए कहा ब्रह्माकुमारी सस्था वर्तमान में ऐसे आध्यत्मिक कार्यक्रम से लोगो में सकारात्मक जागृति कर जीवन में आशावादी बनाने का बहुत बड़ा कार्य क्रर रही है
शिव कुमार घोष ----कमांडेंड केंद्रीय रिजर्व पोलिस फाॅर्स जी ने अपन उधबोधन देते हुए कहा कि मै भारत में जहा जहा सर्विस लिए गया इस सस्था के कार्य को नजदीक से देखा है यह कार्य भगवान् का चल मेरा विश्वास है
श्रीमती सुषमा जैन शिक्षा ब्लॉक अधिकारी कोलाघाट (पश्चिम बंगाल) जी जीवन यात्रा में सकारत्मक सोच से बहुत सरे विघ्नो से बच सकते है
इस अवसर पर शिव का झंडा लहराया मोमबत्ती जलाया गीत भी गाये में प्रसाद वितरण क्र कार्यक्रम सम्पन्न हुआ
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