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Wednesday, February 7, 2018

तमलुक (पश्चिम बंगाल) ---- जिला कारागृह में सस्कार परिवर्तन व्यवहार शुद्धि और सकारात्मक विचारो पर कार्यक्रम

तमलुक (पश्चिम बंगाल)  ---- जिला कारागृह  में  सस्कार परिवर्तन व्यवहार शुद्धि और सकारात्मक विचारो  पर कार्यक्रम 
आयोजक –ब्रह्माकुमारीज तमलुक (पश्चिम बंगाल) 
मुख्य वक्ता --बी के भगवान् भाई माउंट आबू 
विषय –  सस्कार परिवर्तन व्यवहार शुद्धि और सकारात्मक विचारो  
डिप्टी जेलर ---श्री गौतम कुमार सरदार   
बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक  (पश्चिम बंगाल)
बी के गौरी बहन राजयोग टीचर    तमलुक  (पश्चिम बंगाल)
बी के कविता राजयोग टीचर  चैनपाट   (पश्चिम बंगाल)
बी के लक्ष्मी कांत भाई  तमलुक  (पश्चिम बंगाल)
बी के भाई  तारकनाथ भाई  तमलुक  (पश्चिम बंगाल)
माउंट आबू से आये हुए भगवान् भाई ने कहा कि जो जैसा करता है वैसा फल पाता है। उन्होंने बताया कि हमारे मन में पैदा होने वाले विचार कर्म से पहले आते हैं। यह हमारे विचार ही तो हैं कि किसी के लिए प्यार की भावना होती है, किसी के लिए नफरत की भावना होती है। यदि आप किसी व्यक्ति से अच्छा व्यवहार चाहते हैं और उसे बदलना चाहते हैं, तो उसे दुआएं दो उसके प्रति अच्छा सोचें, तो वह भी आपको दुआ देगा। यदि आपके अन्दर किसी के प्रति नफरत है और आप उसके प्रति बुरा चाहते हैं तो वह आदमी भी आपके बारे में बुरा सोचेगा तथा आपसे नफरत करेगा। जो दूसरों को दुख देता है उसे कभी सुख नही मिलता तथा जो दुसरों को सुख देता है उसे सदैव सुख मिलता है। उन्होंने बन्दियों को बताया कि बीती बात को भुला देना चाहिए तथा आगे की सोचनी चाहिए कि हे परमात्मा मेरे से कोई बुरा कार्य न हो। गलती करने वाले से माफ  करने वाला बडा होता है। बदला लेने वाला दूसरों को दुख देने से पहले अपने आप को दुख देता है। सभी इंसान ईश्वर की संतान है तथा सभी एक महान आत्मा है, सभी संसार में अपना-अपना कर्तव्य करने के लिए आते हैं। अत: प्रत्येक व्यक्ति को यही सोचना चाहिए कि मुझे अच्छे कर्म करने के लिए संसार में जन्म लिया है, न कि बुरे कर्म करने के लिए। अत: हमें सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए। आज से 15 दिन इस बात का व्रत लो कि हे भगवान मुझे शक्ति दो, कि मैं किसी को दुख न दूं, तो आपके मन में अपने आप बदलाव आने लगेगा। स्थानीय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से बी के अल्पना बहन प्रभारी तमलुक  (पश्चिम बंगाल)   ने बताया कि मनुष्य ने विषय वासनाओं की चादर ओढ़ी हुई है जो भगवान से वेमुख कर देती है। अगर भगवान से सर्व सम्बन्धों से याद किया जाए तो भगवान की शक्ति आ जाएगी और तन-मन में खुशी शान्ति आ जाएगी व सर्व मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। डिप्टी जेलर ---श्री गौतम कुमार सरदार    ने अपने सम्बोधन में बन्दियों को बताया कि आप जैसा सोचोगे वैसा ही बन जाओगे। अत: हमें सदैव अच्छा सोचना चाहिए तथा बुरी आदत को छोड़ देना चाहिए। आप प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आए बी के लक्ष्मी कांत भाई  तमलुक  (पश्चिम बंगाल) ने बताई बातों को अपने जीवन में प्रयोग करोगे तो अवश्य ही आप बुरी आदतों को छोड दोगे तथा अपने आप अच्छा सोचने लगेंगे और जेल से छुटने के बाद अच्छे नागरिक की तरह जीवन यापन करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन भी कराया और ब्रह्माकुमारी सस्था के तरफ से साहित्य भी वितरित किये 

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