जिरी (नेपाल )---सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से
तनाव मुक्ति पर सन्देश दिया
आयोजक –स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र जिरी (नेपाल )---
मुख्य वक्ता ---ब्रह्मकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय—नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक
से तनाव मुक्ति
सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) के
रेडिओ सवादाता ----अनिषा पौडेल
बी के दीपक भाई जिरी नेपाल
बी के भगवान भाई ने सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक
से तनाव मुक्ति पर सन्देश देते हुए कहा की वर्तमान में समाज के जो भी समस्या है
उसका मूल कारण जीवन में नैतिक मूल्यों की कमी जिस कारण नकारत्मक सोच मन में चलते
है | नकारत्मक सोच के कारण बीमारिया बढती जा रही है | आपसी सम्बन्ध बिघडते जा रहे है | व्यसन ,नशा , ड्रग्स बढ़ते जा रहे है | आपराध बढ़ रहे
है| इसलिए वर्तमान में अपने सोच बदलने के लिए
आध्यात्मिकता का सहारा लेने की आवश्यकता है | वर्तमान में स्वयं परमपिता परमात्मा
ब्रह्मकुमारिज द्वारा स्वयं का परिचय ,संसार चक्र का ज्ञान , वर्तमान समय की पहचान दे रहे है |
भगवान भाई ने कहा कि हमारी आदि सनातन संस्कृति दैवी संस्कृति है
जिसका प्रभाव समूचे जगत में हो रहा है लेकिन दुर्भाग्यवष भौतिकवाद के दौर में
आध्यात्मिक विरासत लुप्त होती जा रही है। ऐसे अवमूल्यन के समय में सकारात्मक विचार,
गुणाजिरी (नेपाल )---सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक से
तनाव मुक्ति पर सन्देश दिया
आयोजक –स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र जिरी (नेपाल )---
मुख्य वक्ता ---ब्रह्मकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय—नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक
से तनाव मुक्ति
सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) के
रेडिओ सवादाता ----अनिषा पौडेल
बी के दीपक भाई जिरी नेपाल
बी के भगवान भाई ने सामुदायिक रेडिओ एफ ऍम (FM ) द्वारे नैतिक शिक्षा , ईश्वरीय सन्देश और सकारात्मक
से तनाव मुक्ति पर सन्देश देते हुए कहा की वर्तमान में समाज के जो भी समस्या है
उसका मूल कारण जीवन में नैतिक मूल्यों की कमी जिस कारण नकारत्मक सोच मन में चलते
है | नकारत्मक सोच के कारण बीमारिया बढती जा रही है | आपसी सम्बन्ध बिघडते जा रहे है | व्यसन ,नशा , ड्रग्स बढ़ते जा रहे है | आपराध बढ़ रहे
है| इसलिए वर्तमान में अपने सोच बदलने के लिए
आध्यात्मिकता का सहारा लेने की आवश्यकता है | वर्तमान में स्वयं परमपिता परमात्मा
ब्रह्मकुमारिज द्वारा स्वयं का परिचय ,संसार चक्र का ज्ञान , वर्तमान समय की पहचान दे रहे है |
भगवान भाई ने कहा कि हमारी आदि सनातन संस्कृति दैवी संस्कृति है
जिसका प्रभाव समूचे जगत में हो रहा है लेकिन दुर्भाग्यवष भौतिकवाद के दौर में
आध्यात्मिक विरासत लुप्त होती जा रही है। ऐसे अवमूल्यन के समय में सकारात्मक विचार,
गुणात्मक
षैली और समाज के लिए समर्पण और सेवा भावना की आवष्यकता है। इसके आधार पर ही
संस्कारों का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कारों का समाज और
परिवार सर्वाधिक महत्व है क्योंकि हम सब के मन में कहीं न कहीं यह भाव रहता है कि
दुख और बुराइयाेंं से घिरी हुई इस दुनिया में परिवर्तन होना ही चाहिए।त्मक
षैली और समाज के लिए समर्पण और सेवा भावना की आवष्यकता है। इसके आधार पर ही
संस्कारों का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कारों का समाज और
परिवार सर्वाधिक महत्व है क्योंकि हम सब के मन में कहीं न कहीं यह भाव रहता है कि
दुख और बुराइयाेंं से घिरी हुई इस दुनिया में परिवर्तन होना ही चाहिए।