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Thursday, March 20, 2014

'सुख-शांति के लिए सत्संग जरूरी




'सुख-शांति के लिए सत्संग जरूरी'


संस, इंद्री : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम की ओर से नन्हेड़ा गांव में सत्संग का आयोजन किया गया। राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि भौतिक युग में स्थानीय सुख-शांति के लिए सत्संग जरूरी है। सत्संग के माध्यम से इस संसार में किस तरह जीना है, क्या बात कहनी और करनी है। आपसी व्यवहार कैसा करना है इसका ज्ञान प्राप्त होता है। सत्संग से प्राप्त दिव्य ज्ञान के माध्यम से अपने व्यवहार में निखार लाकर एक सदगुणी इंसान बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ज्ञान की कमी के कारण वर्तमान समय में मानव के अंदर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईष्र्या, घृणा व नफ रत की प्रवृति बढ़ती जा रही है। इस वजह से समाज में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे है। सत्संग से मिले सदगुण, विवेक व शक्तियां से कर्मो में सुधार ला सकते हैं। इनकों ना तो कोई चोर चुरा सकता है और न ही आग जला सकती है। किरण बहन ने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि यदि मनुष्य परमात्मा की शरण में नहीं आता तो उसे विकारों से छुटकारा मिलना मुश्किल है। बीके रजना व बीके विजय भाई ने गीत के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया।

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