भास्कर न्यूज -युवाओं की रचनात्मक व नई सोच देश को प्रगति की ओर ले जा सकती है। युवा शक्ति को यदि सकारात्मक मोड़ दिया जाए तो देश का भविष्य बदल सकते हैं। समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं। भारत की युवा शक्ति कुल जनसंख्या का लगभग 60 वां भाग है। यदि युवा जागृत हो जाएं तो उ"ावल भारत के निर्माण का स्वप्न साकार हो सकता है।
यह बात आबू पर्वत राजस्थान से यहां पहुंचे राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कही। उन्होंने कहा कि युवा बाह्य आडंबर के जाल में जिस तेजी से फंसते जा रहे हैं इसके लिए जरुरी है कि उन्हें प्रारंभ से ही नैतिक शिक्षा दी जाए। नैतिक शिक्षा से ही देश का भाग्य भी संवर सकता है। आज हर कोई अहं की भावना से ग्रसित होता जा रहा है। जब तक लोग अपने मन से इस भावना को विरक्त नहीं करेंगे तब तक न तो परिवार संवरेगा, न समाज और न ही देश। उन्होंने कहा कि देश के हालात देखते हुए युवाओं पर सभी निगाहें हैं। विश्व के आधारस्तंभ युवाओं के द्वारा शांति, अमन का संदेश प्रसारित करने के लिए विशेष साइकिल यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिन युवा भाई बहनों ने युवा प्रभाग से जुड़कर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाया है, जो आध्यात्मिकता के बल से स्वयं का जीवन सुख शांतिमय अनुभव कर रहे हैं और सही अर्थ में शांतिदूत बने हैं, ऐसे निव्र्यसनी, राजयोगी, मूल्य निष्ठ, शांतिदूत ब्रह्मकुमार युवा भाई बहन इस यात्रा में भाग लेंगे। यात्रा का मुख्य लक्ष्य ऐसे मूल्यनिष्ठ व चरित्रवान शांतिदूत युवाओं को तैयार करना है जो शांतिपूर्ण, हिंसामुक्त, तनावमुक्त स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें।
भगवान ने बताया कि सितंबर-अक्टूबर में ब्रह्मकुमारीज का युवा प्रभाग उ"ावल भारत के लिए शांतिदूत युवा साइकिल यात्रा नामक एक महत्वाकांक्षी अभियान समूचे देश में आयोजित करने जा रहा है। इसका राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ राजधानी दिल्ली में 13 सितंबर को हुआ है।
इसके बाद देश भर के विभिन्न स्थानों में ये साइकिल यात्राएं शुरू की जानी हैं। जिसका राष्ट्रीय स्तर पर समापन 8 नवंबर को हैदराबाद में होगा। उन्होंने बताया कि कोरबा में गुरुवार को पंप हाउस सामुदायिक भवन में समारोह पूर्वक यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस अवसर प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय टीपीनगर की ब्रह्मकुमारीज भाई बहनें
उपस्थित थीं।
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