रादौर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आयोजित
कार्यक्रम में मंगलवार को माउंट आबु राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार
भगवान ने कहा कि क्रोध मनुष्य के विवेक को नष्ट कर देता है। जरा-सा क्रोध
या आवेश में मनुष्य अपने आप को कभी न सुधारने वाली भूल कर बैठता है। इस पर
नियंत्रण पाने की कला है राजयोग। इसके माध्यम से ही हम स्वयं पर नियंत्रण
कर आसुरी वृत्तियों को दैवीवृत्ति में परिवर्तन कर जीवन में पुण्य कमा सकते
हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा ही हमारा सच्चा साथी व मददगार है। परमात्मा
की याद हमें हर पल शक्ति देती है, इसलिए परमात्मा को कभी भी भूलना नहीं
चाहिए। क्रोध के कारण शरीर पर बुरा असर पड़ता है। जिस कारण अनेक शारीरिक व
मानसिक बीमारियां पैदा होती हैं। राजयोग द्वारा अष्टशक्तियों और अनेक
सद्गुणों को जीवन में विकास होता है।
राजयोग मानसिक बीमारियों को समाप्त करने की एक संजीवनी बूटी है।
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