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Monday, November 25, 2019

तनाव मुक्ति के लिए सकारात्मक सोच जरूरी - भगवान भाई

तनाव मुक्ति के लिए सकारात्मक सोच जरूरी - भगवान भाई

June 27, 2019 01:59 PM
तनाव मुक्ति के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है यह कहना है भगवान भाई का उन्होंने स्थानीय ब्रह्म कुमारी सेवा केंद्र शालाघाट में तनाव मुक्त सकारात्मक विचार विषय पर कहा कि राज योग द्वारा ही हम अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। राजयोग के सतत अभ्यास द्वारा मन में सच्ची सुख शांति की अनुभूति कर सकते हैं। राज योग द्वारा ही  मन को सही दिशा देकर मन में चलने वाले नकारात्मक विचार पर काबू पाकर तनावमुक्त बन सकते हैं। उन्होंने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि स्वयं को आत्म निश्चय कर चांद, सूर्य, तारागण से पार रहने वाले पिता परमात्मा को सच्चे मन से याद करना उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है। मन बुद्धि से परमात्मा का स्मरण करने से स्वयं के गुणों में वृद्धि होती है जीवन में व व्यवहार में निखार आने लगता है । उन्होंने कहा कि वर्तमान समय हम अपना अधिक से अधिक समय सकारात्मक सोचने में लगाएं नकारात्मक सोचने से मानसिक तनाव बढ़ता है। वर्तमान समय अधिक ज्ञान अध्यात्मिक ज्ञान द्वारा ही हम जीवन की समस्या का समाधान कर सकते हैं भगवान भाई ने कहा कि जितनी बीमारियां हैं उनका कारण भी नकारात्मक सोच है नकारात्मक सोच से तनाव उत्पन्न होता है तनाव में शारीरिक व मानसिक बीमारियां बढ़ जाती है । उन्होंने कहा जहां तनाव है वहां समस्याएं भी बढ़ जाती है तनाव के कारण आपसी मतभेद टकराव बढ़ जाता है । जहां तनाव है वहां मानसिक अशांति होने के कारण व्यक्ति व्यसन, नशा क्षणिक  सुख के साधन से अपना जीवन समस्या के दलदल में फंसाता है । मन में नकारात्मक विचार चलने से आपसी संबंधों में कड़वाहट आ जाती है। मन में चलने वाले नकारात्मक विचारों से ही ईर्ष्या, घृणा, नफरत, वैर, विरोध पैदा होते हैं।  तनाव के कारण क्रोध , आवेश, चिड़चिड़ापन भी आता है उन्होंने बताया कि क्रोध, आवेश, चिड़चिड़ापन व तनाव है वहाँ सहनशक्ति, धैर्यता, शांति भाईचारा समाप्त होते हैं स्थानीय सेवा केंद्र बीके सुमन का बहन ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजयोग के निरंतर अभ्यास से हम अपनी इंद्रियों को संयम कर तनाव मुक्त रह सकते हैं उन्होंने राज योग की विधि बताते हुए कहा कि स्वयं को आत्म निश्चय कर चांद, सूर्य, तारागण से पार रहने वाले पिता परमात्मा को बुद्धि से याद करना ही राजयोग है।

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