ब्रह्माकुमार भगवान भाई ,ब्रह्माकुमारीज ,माउंट आबू राजस्थान (भारत) 5000 स्कूलों और 800 कारागृह (जेलों) में नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है
मधेपुरा : दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ती हिंसा एवं अपराध एक चिंतनीय विषय- ब्रह्माकुमार भगवान भाई
मधेपुरा : दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ती हिंसा एवं अपराध एक चिंतनीय विषय- ब्रह्माकुमार भगवान भाई
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मधेपुरा/बिहार : दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ती हिंसा एवं अपराध एक चिंतनीय विषय है। नैतिक शिक्षा के द्वारा अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है।
उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू राजस्थान से पहुंचे राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा। वे रविवार को जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र-छात्राओं में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर बोल रहे थे। पांच हजार विद्यालयों में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि कुसंग, व्यसन, सिनेमा और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है। इन्हीं कारणों से वर्तमान समय में अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिकता से ही युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सकती है। नैतिक शिक्षा से ही मानवीय मन में रचनात्मक और सकारात्मक चेतना का विकास होता है। आज समाज एवं विश्व की स्थिति से हमारा समाज विकसित नहीं होता है, बल्कि नैतिक शिक्षा से सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष है। जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष को नम्रता, धैर्यता, सौहार्द, भाईचारा, आपसी स्नेह, सत्यता, इमानदारी आदि सद्गुण रूपी फल नहीं आते, तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है. नैतिकता से हमारे व्यवहार, संस्कार में निखार आता है।
भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से समाज में फैली हुई ईर्ष्या, घृणा, नफरत, वैर, विरोध और अहंकार को नष्ट किया जा सकता है। शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए भगवान भाई ने कहा कि चरित्रवान बनना, विकार, व्यसन, नशा और बुराइयों से स्वयं को मुक्त करना ही शिक्षा का मूल उद्देश है। जो अज्ञान रूपी अंधकार से ज्योति या प्रकाश की ओर और असत्य से सत्य की ओर ले जाए, वही सच्चा ज्ञान है। उन्होंने बताया कि जब तक हमारे व्यावहारिक जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता, सहनशीलता आदि सद्गुण नहीं आते, तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है। भगवान भाई ने बताया कि आज के बच्चे कल का समाज है, अगर कल के समाज को अपराध मुक्त बनाना चाहते हैं तो वर्तमान के बच्चों को नैतिक शिक्षा से संस्कारित करने की आवश्यकता है। संस्कारित शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय के अपराधों का मूल कारण है। उन्होंने कहा कि हम विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन समाज फैली हुई दुर्भावना और हिंसा चिंता का विषय है।
मौके पर उपस्थित स्थानीय ब्रम्हाकुमारी सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी रंजू दीदी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों का सामना कर तनावमुक्त बनने के लिए नैतिक शिक्षा की जरूरत है। अपराध मुक्त बनने के लिए आत्म अनुभूति की आवश्यकता है। वही विद्यालय के प्राचार्य बीकेएन सिंह ने छात्रों से ब्रह्माकुमार भगवान भाई की बातों को आचरण में लाने का अनुरोध किया और कहा कि मानव मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है। मूल्यों की जागृति लाना ही शिक्षा का उद्देश्य होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा द्वारा प्राप्त चरित्र ही हमारी संपत्ति है. कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए राजयोग का अभ्यास कराया गया तथा बच्चों ने भी अपना अनुभव व्यक्त किया।
मौके पर विनय वर्धन, रश्मि, जानकी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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