आज हमारे समाज में सौहार्द की कमी देखने को मिल रही है। देश में व्यापक पैमाने पर लोग सदयुक्तियों को छोड़ कर कुरीतियों को अपनाने में लगे हैं। ऐसे में सौहार्दपूर्ण समाज बनाने के लिए युवाओं को नैतिक शिक्षा की जरूरत है। ये बातें शुक्रवार को केकेएम काॅलेज में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू राजस्थान से आए भगवान भाई ने कहीं। उन्होंने आगे कहा कि आज हम विकसित देशों की श्रेणी में खड़े होने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। परंतु समाज में फैल रही दुर्भावना और हिंसा इसमें बाधक बन रही है, यह देश और समाज के लिए चिंता का विषय है। इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक, आंतरिक चेता के विकास को महत्व दिया जाना होगा। राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि केवल भौतिक विकास से ही हमारा सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता बल्कि नैतिक विकास से समाज और परिवार में मूल्य विकसित हो सकेगा। हमारी आंतरिक शक्तियां जितनी विकसित होगी उतना हम विकास करेंगे। अगर अपराधमुक्त समाज चाहिए तो मानवीय, नैतिक शिक्षा द्वारा संस्कारित युवाओं को निर्मित करें, इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारी विरासत हमारी मूल्य है। हमें अपने कर्मों पर भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे कर्म विनाशकारी हैं या कल्याणकारी। इस मौके पर जमुई के ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र की ब्रह्माकुमारी बहन किर्ती ने कहा कि नशामुक्त, तनावमुक्त रहना भी बेहतर कर्म करने की प्रेरणा देती है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगरूप प्रसाद ने कहा कि वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए यह ज्ञात हो रहा है कि इससे निपटने के लिए नैतिक शिक्षा की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है। मौके पर बेगूसराय से आए ब्रह्माकुमार संजय भाई, ब्रह्माकुमारी गीता बहन, प्रियंका बहन एवं कॉलेज के प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
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