कर्मो से ही मनुष्य बनता महान : बीके भगवान
जागरण संवाद केंद्र, कुरुक्षेत्र : प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने कहा कि कर्मो की गति का बड़ा महत्व है। कर्मो के आधार पर ही यह संसार चलता है। कर्मो से ही मनुष्य महान बनता है और कर्मो से ही कंगाल बनता है। भगवान भाई जिला सुधार गृह में बंदियों और कैदियों को संस्कार परिवर्तन एवं व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है। उसे व्यर्थ कर्म कर व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। वास्तव में मनुष्य की गलतियां ही उसे सहीं रूप में इंसान बनाती हैं। केवल हमें उस की हुई गलतियों को स्वयं ही महसूस कर उसे परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कैदी भाइयों को बताया कि यह कारागृह आपके लिए तपोस्थली है, जिसमें एकांत में बैठकर स्वयं के बारे में टटोलना है, सोचना है कि वह इस संसार में क्यों आया हैं। उसके जीवन का क्या उद्देश्य है। भगवान ने उसे किस उद्देश्य से इस संसार में भेजा है। वह यहां आकर क्या कर रहा है। वास्तव में उसे क्या करना चाहिए। ऐसा चिंतन कर अपने व्यवहार और संस्कारों का परिवर्तन करना है। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। वह इस संसार में आने के बाद गलत संग, गलत शिक्षा, व्यसन, नशा, काम, क्रोध, लोभ, लालच आदि बुराइयों को कारण अपराधी बन जाता है। गलत कर्म ही मनुष्य को दुष्प्रवृत्ति वाला बनाते हैं। जीवन में अपराध होने पर मनुष्य को कारागृह में लाया जाता है, इसलिए यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है। सरकार ने आपको अपने आप में सुधार लाने के लिए यहां रखा है। उन्होंने कहा कि गलतियों का चिंतन कर तनाव में आने के बजाय उसमें बदलाव लाना जरूरी है। तनाव में आने से अनेक शारीरिक बीमारियां होने की संभावना होती है। तनाव से दूर रहने के लिए गीता का महा वाक्य सदा याद रखो कि जो हुआ वह अच्छा है जो हो रहा है वह अच्छा और जो होने वाला वह और अच्छे से अच्छा होगा। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की समस्या कुछ पिछले जन्मों के गलत कर्मो के कारण आती, इसलिए कर्मो को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करें।
ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय सेवा केंद्र की संचालिका बीके सरोज बहन ने कहा कि परमात्मा न हमें कर्म इंद्रियां दी हैं, उसका दुरुपयोग नहीं करना है, नहीं तो अगले जन्म में कर्म इंद्रियां अधूरे रूप से मिलेगी। उन्होंने कहा कि हाथ चोरी करने के लिए, आंख व्यर्थ देखने के लिए नहीं है। जिला सुधार गृह के उपाधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि अब भगवान ने सुधरने का मौका दिया है। अपनी गलतियों को बुराइयों को महसूस कर इसे त्याग दें।
जागरण संवाद केंद्र, कुरुक्षेत्र : प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने कहा कि कर्मो की गति का बड़ा महत्व है। कर्मो के आधार पर ही यह संसार चलता है। कर्मो से ही मनुष्य महान बनता है और कर्मो से ही कंगाल बनता है। भगवान भाई जिला सुधार गृह में बंदियों और कैदियों को संस्कार परिवर्तन एवं व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है। उसे व्यर्थ कर्म कर व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। वास्तव में मनुष्य की गलतियां ही उसे सहीं रूप में इंसान बनाती हैं। केवल हमें उस की हुई गलतियों को स्वयं ही महसूस कर उसे परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कैदी भाइयों को बताया कि यह कारागृह आपके लिए तपोस्थली है, जिसमें एकांत में बैठकर स्वयं के बारे में टटोलना है, सोचना है कि वह इस संसार में क्यों आया हैं। उसके जीवन का क्या उद्देश्य है। भगवान ने उसे किस उद्देश्य से इस संसार में भेजा है। वह यहां आकर क्या कर रहा है। वास्तव में उसे क्या करना चाहिए। ऐसा चिंतन कर अपने व्यवहार और संस्कारों का परिवर्तन करना है। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। वह इस संसार में आने के बाद गलत संग, गलत शिक्षा, व्यसन, नशा, काम, क्रोध, लोभ, लालच आदि बुराइयों को कारण अपराधी बन जाता है। गलत कर्म ही मनुष्य को दुष्प्रवृत्ति वाला बनाते हैं। जीवन में अपराध होने पर मनुष्य को कारागृह में लाया जाता है, इसलिए यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है। सरकार ने आपको अपने आप में सुधार लाने के लिए यहां रखा है। उन्होंने कहा कि गलतियों का चिंतन कर तनाव में आने के बजाय उसमें बदलाव लाना जरूरी है। तनाव में आने से अनेक शारीरिक बीमारियां होने की संभावना होती है। तनाव से दूर रहने के लिए गीता का महा वाक्य सदा याद रखो कि जो हुआ वह अच्छा है जो हो रहा है वह अच्छा और जो होने वाला वह और अच्छे से अच्छा होगा। भगवान भाई ने कहा कि जीवन की समस्या कुछ पिछले जन्मों के गलत कर्मो के कारण आती, इसलिए कर्मो को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करें।
ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय सेवा केंद्र की संचालिका बीके सरोज बहन ने कहा कि परमात्मा न हमें कर्म इंद्रियां दी हैं, उसका दुरुपयोग नहीं करना है, नहीं तो अगले जन्म में कर्म इंद्रियां अधूरे रूप से मिलेगी। उन्होंने कहा कि हाथ चोरी करने के लिए, आंख व्यर्थ देखने के लिए नहीं है। जिला सुधार गृह के उपाधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि अब भगवान ने सुधरने का मौका दिया है। अपनी गलतियों को बुराइयों को महसूस कर इसे त्याग दें।
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