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Wednesday, August 3, 2011

‘राजयोग द्वारा मन की शांति संभव’ भास्कर संवाददाता & झाबुआ राजयोग द्वारा हम अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर अपने मनोबल को बढ़ा सकते हैं। राजयोग द्वारा आंत ‘राजयोग द्वारा मन की शांति संभव’

‘राजयोग द्वारा मन की शांति संभव’ भास्कर संवाददाता & झाबुआ राजयोग द्वारा हम अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर अपने मनोबल को बढ़ा सकते हैं। राजयोग द्वारा आंत
‘राजयोग द्वारा मन की शांति संभव’

भास्कर संवाददाता & झाबुआ
राजयोग द्वारा हम अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर अपने मनोबल को बढ़ा सकते हैं। राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियां और सद्गुणों को उभारकर जीवन में निखार ला सकते हैं।

यह बात ब्रह्मïाकुमार भगवान भाई ने स्थानीय ब्रह्मïाकुमारी विश्व विद्यालय में कही। उन्होंने कहा राजयोग के अभ्यास द्वारा सहनशीलता, नम्रता, एकाग्रता, शांति, धैर्यता, अंतर्मुखताऐसे अनेक सद्गुणों का जीवन में विकास कर सकते हैं। राजयोग द्वारा ही मन की शांति भी संभव है। उन्होंने बताया राजयोग के अभ्यास से सुख की प्राप्ति होती है। भगवान भाई ने कहा अपने अनुभव के आधार पर राजयोग के अभ्यास द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक चिंतन के द्वारा मन को एकाग्र किया जा सकता है। उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश तनावपूर्ण परिस्थितियों में मन को एकाग्र और शांत रखने के लिए राजयोग संजीवनी बूटी की तरह काम आता है। राजयोग के अभ्यास से तनाव मुक्त बन हम अनेक बीमारियों से स्वयं को बचा सकते हैं। मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचने का राजयोग एक कवच कुंडल है। उन्होंने कहा राजयोग द्वारा मन को सही दिशा निर्देशन मिलती है जिससे मन का भटकना खत्म हो जाता है। उन्होंने राजयोग की विधि बताते हुए कहा स्वयं को आत्म निश्चय कर चांद, सूर्य, तारांगण से पार रहने वाले परम शक्ति परमात्मा को याद करना, मन, बुद्धि द्वारा उसे देखना, गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है।

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