'नैतिक मूल्यों से विकास''नैतिक मूल्यों से विकास'
Saturday, 11 Dec 2010 1:28:11 hrs IST
डूंगरपुर । आदर्श समाज में नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्य प्रचलित हैं। इससे बेहतर जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन मिलता है। नैतिक मूल्यों की धारणा से ही मानव मन की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है।ये प्रवचन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवानभाई ने शुक्रवार को राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय टाउन में दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अगर चरित्र का उत्थान करना चाहता है, तो उसे आंतरिक शक्तियों द्वारा आत्मबल बढाना होगा। आत्मबल में बढोत्तरी नैतिकता के बिना नहीं आ सकती है। उन्होंने कहा कि सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, शीतलता, शांति, भाईचारा, स्नेह आदि सद्गुणों से व्यक्तित्व का विकास होता है। सद्गुणों से ही चरित्र उत्थान होता है।
उन्होंने अशांति, चोरी करना, लडाई-झगडा, व्यसन, नशा आदि अवगुणों से दूर रहना चाहिए। इस मौके पर बी.के. हेमा बहन, अतिरिक्त जिला शिक्षा अघिकारी योगेशचन्द्र रोत, प्रधानाचार्य गिरिजा वैष्णव ने भी विचार व्यक्त किए
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