ब्रह्माकुमारी संस्थान में सोमवार को माउंट आबू से पधारे योगीराज बह्माकुमार भगवानभाई ने आध्यात्मिक शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि संसार के सभी क्षेत्रों मसलन शिक्षा, व्यापार, राजनीति, धर्म और विज्ञान को अध्यात्म के रंग में रंगना होगा। तभी समाज एक सही दिशा में गतिशील होगा। अध्यात्म समाज में नैतिक उत्तरदायित्व निभाने के लिए प्रेरित ही नहीं करता, सदाचारी जीवन जीने के लिए उकसाता है।
उन्होंने ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को एक आध्यात्मिक ऊर्जा घर बताते हुए कहा कि ईश्वरीय राजयोग से अष्ट शक्तियों की प्राप्ति होती है। जीवन में निर्विघ्न सफलता के लिए राजयोग को देखने और समझने की जरूरत है। समय की महत्ता बताते हुए कहा, कलयुग का अंत और सतयुग आदि के बीच इस संगम युग में आध्यात्मिक ज्ञान की दिव्य शक्ति से विश्व परिवर्तन का पुनीत कार्य हो रहा है। समय के महत्व को समझें।
माउंट आबू से ब्रह्माकुमार भगवानभाई ने कहा कि यदि भगवान को पाकर भी छोटी-छोटी, अल्पकालीन कामनाओं का गुलाम रहें तो भला आदमी कैसे आनंदित होगा? इसलिए हमें इच्छाओं की अधीनता छोड़कर अधिकारीपन की स्थिति पैदा करनी चाहिए। इच्छाओं को हमें अपने अधीन होना चाहिए।
संचालिका बहन निर्मला ने कहा कि शरीर निर्वाह में तो मुनष्य पूरा ही दिन-रात लगा देता है, परंतु अपने समय का थोड़ा भी हिस्सा यदि मनुष्य आत्म निर्वाह में लगाए तो उसे मनुष्य जीवन का सच्चा सुख प्राप्त हो सकता है। मौके पर दर्जनों धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
आखिर माया ने कैसे/कितना जकड़ा है कि देखते/जानते हुए भी मनुष्य निकल नहीं पा रहा है, और जो निकल जाता है वह भी फिर वापस चला जाता है.
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