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Wednesday, February 12, 2020

बचपन से ही भरें श्रेष्ठ संस्कार और सुविचार – भगवान भाई

बचपन से ही भरें श्रेष्ठ संस्कार और सुविचार – भगवान भाई

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सतीश बंसल
सिरसा- वर्तमान समय में बच्चों को नैतिक मूल्यों व श्रेष्ठ संस्कारों की ओर प्रेरित करना अत्यन्त आवश्यक है। बच्चे ही भारत की तस्वीर बदल सकते हैं, इसके लिए उन्हें नैतिक शिक्षा द्वारा चरित्रवान बनाने की जरूरत है। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय माऊंट आबू (राजस्थान) से आए हुए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्थानीय डी.जे. पब्लिक स्कूल में छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा के महत्व पर बोलते हुए कहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। आज के युवा ही कल का भावी समाज हंै, अगर हम भावी समाज को बेहतर बनाना चाहते हैं तो वर्तमान में युवाओं को चरित्रवान व गुणवान बनाने की आवश्यकता है
इस अवसर पर स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवा केन्द्र की ओर से बी.के. प्रीति बहन ने ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सिखाया जाने वाले ज्ञान के बारे में अवगत करवाया। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बच्चों का प्रसाद वितरित किया और सभी बच्चों से व्यसन व बुराईयों को त्यागने की प्रतिज्ञा करवाई। स्कूल की प्राचार्या सरोज रानी कम्बोज ने वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता पर अपना व्याख्यान दिया। इस अवसर पर डायरेक्टर सुभाष जुनेजा व फूलवती जुनेजा भी विशेष रूप से उपस्थित थे। तदुपरान्त बी.के. पालाराम भाई ने सभी को ब्रह्माकुमारीज संस्था का परिचय दिया और बताया कि बी.के. भगवान भाई ने अबतक 5 हजार सेअ धिक स्कूलों में, 800 से अधिक काराग्रहों में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया है, जिसके चलते उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है।

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