शिक्षक हैं भावी समाज के शिल्पी– बी.के. भगवान भाई
शिक्षक ला सकते हैं समाज व देश में रचनात्मक क्रांति– बी.के.भगवान
मोहाली: वर्तमान बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए समाज को सुधरने की अति आवश्यकता है, आज के छात्रा ही भावी समाज के कर्णधर हंै, छात्रों को सुधरने के लिए आदर्श शिक्षकों की जरूरत है क्योंकि शिक्षक ही भावी समाज के शिल्पी हैं अतः समाज सुधर में शिक्षकों की अहम भूमिका है । ये विचार आज यहां फेज़ 6 के शिवालिक पब्लिक स्कूल में बी.एड. शिक्षकों व शिक्षिकाओं के जीवन में मूल्यों का महत्व व श्रेष्ठ समाज विषय पर आयोजित भव्य सेमीनार को संबोध्ति करते हुए माउंट आबू से पधरे ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये । बी.ेके.भगवान भाई इससे पूर्व समुचे भारत व नेपाल के 9000 स्कूल, कालेज, कल्बों के साथ साथ 900 से अध्कि जेलों में नैतिक शिक्षा पर प्रवचन कर चुके हैं जिससे उनका नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज है।
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने आगे कहा कि शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धरणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है । धरणओं से विद्यार्थियों में बल भरता है, धरणाओं से वाणी, कर्म, व्यवहार और व्यक्तित्व में निखार आता है । यदि शिक्षा देने के बाद भी बच्चे बिगड़ रहे हैं तो उसका मतलब है मूर्तिकार;शिक्षकद्ध में भी कुछ कमी है । भगवान भाई ने कहा कि शिक्षक के संस्कारों का विद्यार्थी अनुसरण करते हैं । शिक्षक को केवल पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला बनना है । शिक्षक में सद्गुण होने जरूरी हैं । शिक्षक के हाव-भाव, उठना, बैठना, बोलना चलना, व्यवहार करना का भी प्रभाव बच्चों पर पड़ता है इसलिए समाज को श्क्षिित करने व शिक्षा देने के स्वरूप को बदलने की की भी जरूरत है । भगवान भाई ने कहा कि मूल्यहीन शिक्षा से सामाजिक, मानसिक, राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय व परिवारिक समस्याएं पैदा होती हैं । उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नइ्र्र शिक्षा देकर समाज व देश में रचनात्मक क्रांति लाने का कार्य शिक्षक का है ।शिक्षक को जीवन भर विद्यार्थी बनकर सीखना होगा। उन्होने अंत में राजयोग का अभ्यास भी कराया ।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मीना बहन जी ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान मूल्यों का स्त्रोत है, बिना आध्यात्मिक के जीवन में नैतिक मूल्य नहीं आ सकते । इस उपलक्ष में रोज अच्छा साहित्य पढ़ें, अच्छा संग करें, नकारात्मक चीजों से दूर रहें व राजयोग का अभ्यास करें ।
एक अन्य कार्यक्रम स्टार पब्लिक स्कूल सैक्टर 69 व जीनियस पब्लिक स्कूल सैक्टर 69 में भी आयोजित किया गया जिसमें सकारात्मक जीवन शैली पर बच्चों व स्टाफ के साथ गहन विचार विमर्श हुए । इन स्कूलों में बी.के.भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से अपराध् मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि कुसंग, व्यसन, सिनेमा और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है । शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष है जब तक इसे नम्रता, ध्ैर्यता, आपसी स्नेह, सत्यता, ईमानदारी आदि सद्गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अध्री है । संस्कारित शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय अपराधों का मूल कारण है । अतः उन्हंे नैतिक शिक्षा देने की जरूरत है । नैतिक शिक्षा की मुफत शिक्षा प्राप्ति के लिए उन्होंने ब्रह्माकुमारीज सुख शांति भवन फेज 7 में आने का सभी को निमंत्राण दिया ।
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