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Tuesday, January 30, 2018

खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) -----में रेल्वे में सिव्हील सीनियर इंजनियर्स को सिखाया राजयोग द्वारा तनाव मुक्ति

 खड़गपुर   (पश्चिम बंगाल)  -----में रेल्वे में सिव्हील सीनियर इंजनियर्स  को सिखाया राजयोग    द्वारा तनाव मुक्ति  
आयोजक –ब्रह्माकुमारीज खड़गपुर   (पश्चिम बंगाल) 
मुख्य वक्ता --बी के भगवान् भाई माउंट आबू 
विषय – जीवन में राजयोग द्वारा तनाव मुक्ति  
बी के दिलीप भाई   राजयोगी खड़गपुर  (पश्चिम बंगाल)
इस अवसर पर राजयोगी शिक्षक बी के भगवान् भाई ने कहा कि सकारात्मक सोच द्वारा विपरित परिस्थिति में हलचल  , निराशा में भी आशा की किरण  दिखने लगती है। अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की
बहुत आवश्यकता है। भगवान् भाई ने बताया कि स्थूल हत्यारों के साथ अगर हमार पास सत्यता , ईमानदारी , धीरता , देशा प्रेम आदि आदि सद्गुण हो तो हम देशा सेवा के साथ स्वयम कि भी सेवा क्र पायेगे उन्होंने कहा कि समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढंूढ़े। भगवान् भाई ने बताया कि हम दुसरो पर शासन व्ही क्र सकता है जो स्वयं अनुशाषित है हम दुसरो पर शासन करनेवाले है इसलिए हमारे में कोई भी प्रकार का व्यसन नशा न हो  उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता है। यदि हमारे विचार सकारात्म है तो उसकासकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को मुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिए हमें सबसे
पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए। राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है। उन्होंने सत्संग एवं आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक सोच के लिए जस्री बताते हुए कहा कि हम
अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। सत्संग के द्वारा प्राप्त ज्ञान
प्रोग्राम कि शुरवात में बी के दिलीप भाई ने ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय दिया और ॐ ध्वनी क्र राजयोग का महत्व बताया 
प्रोग्राम के अंत में श्री शर्मा जी वरिष्ठ सिवहील इंजनियर  ने भी अपना संबोधन देते हुए कहा कि वर्तमान कि परिस्थिति में मेडिटेशन भुत ही जरूरी है जो आज ब्रह्माकुमारी विद्यालय सभी को सिखा रहा  है उन्होंने बताया कि हम शरीर को ठीक रख असकते है परन्तु मन के द्वारा शरीर चलता है 
अंत में भी भगवान् भाई ने राजयोग का अभ्यास भी कराया 

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