कुसंगत, नशा और क्रोध से मनुष्य अपराधी बनता: भगवान भाई
पिपरिया | मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। गलत संगत, नशा, सिनेमा और क्रोध अपराध कराता है। अपराध मुक्त बनने गलतियों को महसूस करना जरूरी है। यह बात उपजेल परिसर में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि माउंट आबू से आए भगवान भाई ने कही। वे अपराध मुक्त जीवन विषय पर संबोधित कर रहे थे। भगवान भाई अब तक करीब 800 जेलों में नैतिकता का पाठ पढ़ा चुके हैं।पढ़ाकर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं। भगवान भाई बोले कर्म ही मनुष्य को अच्छा और बुरा बनाता है। उन्होंने कहा जेल को सुधारगृह मानकर गलतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। मानव जीवन अमूल्य है। ब्रह्मकुमारी पूनम बहन बोलीं इंद्रियों को संयमित कर हम अपने जीवन को अपराध मुक्त कर सकते हैं। जेल स्टाफ मौजूद रहा।
No comments:
Post a Comment