भरतपुर (चितवन ) नेपाल में एक दिवसीय राजयोग साधना कार्यक्रम
भरतपुर (चितवन ) नेपाल में एक दिवसीय राजयोग साधना कार्यक्रम
आयोजक ---स्थानीय ब्रह्माकुमारी भरतपुर ( चितवन ) नेपाल
राज योग के द्वारा हम अपने इंद्रियों पर सयंम रखकर अपने मनोबल को बढा सकते हैं । राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियाँ और
सद्गुण को उभार कर जीवन में निखार ला सकते हैं - राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान ने
कहा । वे आज स्थानीय सेवकेन्द्र आयोजित प्रोग्राम
में बोल रहे थे । उन्होनें कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा सहनशीलता, नम्रता, एकाग्रता, शांति, धैर्यता, अंतर्मुखता ऐसे अनेक सद्गुणों का जीवन में
विकास कर सकते है । राजयोग द्वारा ही मन की शांति संभव है। उन्होनें बताया की
राजयोग के अभ्यास से अतींद्रिय सुख की प्राप्ति होती हैं । जिन्होनें अतींद्रिय
सुख की प्राप्ति कर ली उनको इस संसार के वस्तु, वैभव का सुख
फीका लगने लगता हैं ।
राजयोगी
भगवान भाई ने अपने अनुभव के आधार से बताया की राजयोग के अभ्यास से विपरीत
परिस्थिति में भी सकारात्मक चिंतन के द्वारा मन को एकाग्र किया जा सकता है।
उन्होनें कहा कि वर्तमान की तनावपूर्ण परिस्थितियों में मन को एकाग्र और शांत रखने
के लिए राजयोग संजीवनी बूटी की तरह काम आता हैं ।
उन्होनें
कहा की राजयोग द्वारा अपने कर्मेन्द्रियों पर संयम कर कर्म में कुशलता से
सकारात्मक चिंतन, सकारात्मक वृति और दृष्टिकोण
की उपलब्धि होती हैं जिससे हम ब्यर्थ से बच सकते हैं । भगवान भाई ने कहा की राजयोग
के अभ्यास द्वारा तनाव मुक्त बन हम अनेक बीमारियों से स्वंम को बचा सकते हैं।
मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचने का राजयोग एक कवच कुंडल हैं। उन्होनें कहा कि
राजयोग के द्वारा मन को दिशा निर्देशन मिलती हैं जिससे मन का भटकना समाप्त हो जाता
हैं।
उन्होनें
राजयोग की विधि बताते हुआ कहा कि स्वंम को आत्मा निश्चय कर चाँद, सूर्य, तारांगण से पार रहनेवाले परमशक्ति परमात्मा
को याद करना, मन-बुद्धि द्वारा उसे देखना, उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग हैं । राजयोग के द्वारा हम परमात्मा
के मिलन का अनुभव कर सकता हैं । उन्होनें कहा की राजयोग के अभ्यास द्वारा ही हम
काम, क्रोध, लोभ,
मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, नफरत आदि मनोविकारों पर जीत प्राप्त कर जीवन
को अनेक सद्गुणों से ओतपोत व भरपूर कर सकते हैं।
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