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Monday, November 30, 2015

भगवान भाई अब तक करीब 800 जेलों में नैतिकता का पाठ पढ़ा चुके हैं


पिपरिया | मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता। गलत संगत, नशा, सिनेमा और क्रोध अपराध कराता है। अपराध मुक्त बनने गलतियों को महसूस करना जरूरी है। यह बात उपजेल परिसर में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि माउंट आबू से आए भगवान भाई ने कही। वे अपराध मुक्त जीवन विषय पर संबोधित कर रहे थे। भगवान भाई अब तक करीब 800 जेलों में नैतिकता का पाठ पढ़ा चुके हैं। पढ़ाकर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं। भगवान भाई बोले कर्म ही मनुष्य को अच्छा और बुरा बनाता है। उन्होंने कहा जेल को सुधारगृह मानकर गलतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। मानव जीवन अमूल्य है। ब्रह्मकुमारी पूनम बहन बोलीं इंद्रियों को संयमित कर हम अपने जीवन को अपराध मुक्त कर सकते हैं। जेल स्टाफ मौजूद रहा।

इच्छाओं को काबू कर भौतिकवाद की आंधी को कम करें:भगवान भाई


» इच्छाओं को काबू कर भौतिकवाद की आंधी को कम करें:भगवान भाई इच्छाओं को काबू कर भौतिकवाद की आंधी को कम करें:भगवान भाई 0 आष्टा | नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व और व्यवहार में निखार आता है। यह बातें प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माउंट आबू से आए ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने शासकीय महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा से चरित्र विषय पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की धारणा से आंतरिक सशक्तिकरण से इच्छाओं को कम कर भौतिकवाद की आंधी को कम किया जा सकता है। परिणाम स्वरूप जीवन शैली में सरलता के कारण फालतू खर्चे से बच सकते हैं। भगवान भाई ने कहा कि नैतिक मूल्य की धारणा के कारण मन का संघर्ष समाप्त होता है। जिससे हम चरित्रवान बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुसंग, सिनेमा, व्यसन और फैशन से युवा भटक रहे हैं।

सकारात्मक से दूर होता है तनाव : भगवान भाई


सकारात्मक से दूर होता है तनाव : भगवान भाई वर्तमान समय जितनी भी समस्या हैं उन सबका कारण है नकारात्मक सोच। नकारात्मक सोच से तनाव बढ़ता है। तनाव मुक्त बनने के लिए सकारात्मक विचार संजीवनी बूटी है। सकारात्मक विचार से ही मुक्ति संभव है। यह बातें प्रजापिता ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहीं। गुरुवार को स्थानीय सेवा केंद्र पर एकत्रित ईश्वर प्रेमियों को सकारात्मक विचारों से तनाव मुक्ति विषय पर संबोधित किया। भगवान भाई ने कहा कि 19वीं सदी तर्क की थी, 20वीं सदी प्रगति की रही और 21वीं सदी तनाव पूर्ण होगी। ऐसे तनावपूर्ण परिस्थितियों में तनाव से मुक्त होने सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मन में लगातार चलने वाले नकारात्मक विचारों से दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरकर शरीर में आ जाते हैं। इनसे अनेक बीमारियां होती हैं। मन के नकारात्मक विचारों से मनोबल, आत्मबल कमजोर बन जाता है। तनाव से आपसी मतभेद भगवान भाई ने कहा कि जहां तनाव है वहां अनेक समस्याएं बढ़ जाती हैं। तनाव के कारण आपसी मतभेद, टकराव बढ़ जाते हैं। जहां तनाव है वहां मानसिक अशांति के वश होकर मनुष्य व्यसन, नशा, डिप्रेशन के वश हो जाता है। उन्होंने बताया कि मन चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही मन में घृण, नफरत, बैर, विरोध, आवेश और क्रोध उत्पन्न होता है। इन स्थानों पर आज किया जाएगा आयोजन बहन कुसुम ने बताया कि अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम में भगवान भाई शासकीय महाविद्यालय, ग्रीन फील्ड कॉलेज, उत्कृष्ट हायर सेकंडरी स्कूल, कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएंगे। शनिवार को राजयोग और चिंतन विषय पर संबोधित करेंगे। ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम हुआ।

DEVGHAR BRAHMAKUMARI SEWA


BRAHMAKUMARI RACHI JHARKHAND SEWA


BRAHMAKUMARI RACHI JHARKHAND SEWA