नैतिक मूल्य कम होते जा रहे हैं। ऐसे में बालिकाओं को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर परिवार व्यवस्था को पुष्ट बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा देने वाली नारी में शुद्धता के गुण के साथ ही सहनशीलता व लगनशीलता भी होनी चाहिए। उसको हाथों के साथ - साथ हृदय और दिमाग से काम करना आना चाहिए। वह बालिका शिक्षा कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती अखिल भारतीय संस्थान द्वारा आयोजित सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण विकसित करें। इसके लिए कार्यकर्ता के अंदर सात गुण संयमशीलता, लक्ष्य का ज्ञान, विचारों के सम्प्रेषण की क्षमता, संगठन की मानसिकता, राष्ट्र के लिए समर्पण की भावना, सेवा और सहयोग की भावना होना बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का आधार धर्म रहा है और धर्म का तात्पर्य है समाज को धारण करना। इसलिए महिलाओं को पाश्चात्य संस्कृति से दूरी बनाते हुए धर्म आधारित कार्य करने चाहिए।
सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती अखिल भारतीय संस्थान द्वारा आयोजित सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण विकसित करें। इसके लिए कार्यकर्ता के अंदर सात गुण संयमशीलता, लक्ष्य का ज्ञान, विचारों के सम्प्रेषण की क्षमता, संगठन की मानसिकता, राष्ट्र के लिए समर्पण की भावना, सेवा और सहयोग की भावना होना बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का आधार धर्म रहा है और धर्म का तात्पर्य है समाज को धारण करना। इसलिए महिलाओं को पाश्चात्य संस्कृति से दूरी बनाते हुए धर्म आधारित कार्य करने चाहिए।
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