सकारात्मकसेदूरहोताहैतनाव : भगवानभाई
वर्तमानसमयजितनीभीसमस्याहैंउनसबकाकारणहैनकारात्मकसोच।नकारात्मकसोचसेतनावबढ़ताहै।तनावमुक्तबननेकेलिएसकारात्मकविचारसंजीवनीबूटीहै।सकारात्मकविचारसेहीमुक्तिसंभवहै।
यहबातेंप्रजापिताब्रह्मकुमारीईश्वरीयविश्वविद्यालयमाउंटआबूराजस्थानसेआएराजयोगीब्रह्मकुमारभगवानभाईनेकहीं।गुरुवारकोस्थानीयसेवाकेंद्रपरएकत्रितईश्वरप्रेमियोंकोसकारात्मकविचारोंसेतनावमुक्तिविषयपरसंबोधितकिया।भगवानभाईनेकहाकि 19वींसदीतर्ककीथी, 20वींसदीप्रगतिकीरहीऔर 21वींसदीतनावपूर्णहोगी।ऐसेतनावपूर्णपरिस्थितियोंमेंतनावसेमुक्तहोनेसकारात्मकविचारोंकीआवश्यकताहै।
उन्होंनेबतायाकिमनमेंलगातारचलनेवालेनकारात्मकविचारोंसेदिमागमेंविभिन्नप्रकारकेरासायनिकपदार्थउतरकरशरीरमेंआजातेहैं।इनसेअनेकबीमारियांहोतीहैं।मनकेनकारात्मकविचारोंसेमनोबल, आत्मबलकमजोरबनजाताहै।
तनावसेआपसीमतभेद
भगवानभाईनेकहाकिजहांतनावहैवहांअनेकसमस्याएंबढ़जातीहैं।तनावकेकारणआपसीमतभेद, टकरावबढ़जातेहैं।जहांतनावहैवहांमानसिकअशांतिकेवशहोकरमनुष्यव्यसन, नशा, डिप्रेशनकेवशहोजाताहै।उन्होंनेबतायाकिमनचलनेवालेनकारात्मकविचारोंकेकारणहीमनमेंघृण, नफरत, बैर, विरोध, आवेशऔरक्रोधउत्पन्नहोताहै।
इनस्थानोंपरआजकियाजाएगाआयोजन
बहनकुसुमनेबतायाकिअपनेतीनदिवसीयकार्यक्रममेंभगवानभाईशासकीयमहाविद्यालय, ग्रीनफील्डकॉलेज, उत्कृष्टहायरसेकंडरीस्कूल, कन्याहायरसेकंडरीस्कूलमेंछात्र-छात्राओंकोनैतिकशिक्षाकापाठपढ़ाएंगे।शनिवारकोराजयोगऔरचिंतनविषयपरसंबोधितकरेंगे।
ब्रह्मकुमारीईश्वरीयविश्वविद्यालयमेंकार्यक्रमहुआ।
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