‘सर्वांगीण विकास के लिए नैतिक शिक्षा जरूरी’
भगवान भाई ने कहा कि शैक्षणिक जगत में विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी कल का समाज हैं। इसलिए स्कूलों के माध्यम से इन्हें चरित्रवान बनाएं। स्थानीय केंद्र की ब्रह्मकुमार सरिता बहन ने कहा कि चरित्रवान बनने के लिए युवाओं को सिनेमा, व्यसन, फैशन एवं कुसंगति से दूर रहना होगा। इस दौरान एसआरके के प्रधानाचार्य धीरेंद्र राठौर, अनुपम शर्मा, कृपाशंकर मिश्रा, रामनाथ भाई, ऊषा देवी के अलावा अन्य शिक्षक मौजूद थे।