Pages

Thursday, April 10, 2014

कारागृह नही,सुधार गृह है जेल - भगवान भाई

स्लग - कारागृह नही,सुधार गृह है जेल - भगवान भाई
एंकर - देशभर की 800 जेलो में हजारो कैदियों को अपराध छोड़कर सदभावना का संदेश देकर इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने वाले ब्र्ह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविधालय मुखालय माउंट आबू राजस्थान से रादौर एक कार्यक्रम में पहुँचे भगवान भाई ने कहा की वे जेलो में जाकर कैदियों को संदेश देते है की बदला लेने सोच की बजाए खुद को बदलने का प्रयास करेगें तो सही रूप आप सफल व्यक्ति बन सकते है।
वीओ - कार्यक्रम के बाद पत्रकारो से बातचीत में भगवान भाई ने कहा की वर्त्तमान के परिवेश में नैतिक शिक्षा के आधार से सवयम को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया व्यवहार में निखार लाने से एवं मनोबल को बढ़ाने के लिए नैतिक शिक्षा संजीवनी बूटी की तरह काम आती है। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण का कार्य तभी सार्थक हो सकेगा जब प्रत्येक महिला शिक्षित होकर अपने अधिकारों का प्रयोग करेगी। एक पुरूष जब शिक्षित होता है तो वह एक घर को समृद्ध करता है लेकिन जब एक महिला शिक्षित होती है तो वह दो घरों में उजाला करने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि जीवन की समस्याओं के प्रति व्यर्थ का चिन्तन करने से तनाव पैदा होता है। तनाव से अनेक प्रकार की बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। तनाव से मुक्त बनने के लिए राजयोग सीखना जरूरी है।

No comments:

Post a Comment